Saturday, May 13, 2017

चुकन्दर के फायदे!

चुकंदर को कैसे खाना चाहिए?

आमतौर पर लोग चुकंदर को  कच्चे सलाद के  रूप में खाना ज्यादा पसंद करते हैं. इसे सलाद में जैसे मूली, गाजर, प्याज, टमाटर आदि के साथ शामिल कर खाया जाता है.  इसे उबालकर खाने का भी चलन है। दक्षिण भारत में इसे उबालकर भी खाया जाता है।
हालांकि उबालने पर इसके  कुछ तत्व नष्ट हो जाते हैं । इसलिए कच्चा खाना ज्यादा अच्छा माना जाता है। चुकंदर का जूस भी पिया जाता है। बुजुर्ग या बच्चों को  चुकंदर का जूस ही देना चाहिए। इसके  अलावा भारत में चुकंदर की सब्जी बनाकर खाने का भी चलन है। इसकी सब्जी बनाने में कोई अतिरिक्त विधि अपनाने की जरूरत नहीं है। बस जैसे आलू या गाजर की सब्जी बनाई जाती है, उसी तरह से चुकंदर की सब्जी बनाकर खाई जा सकती है ।

 1) ब्लड शुगर लेवल कम करता है
चुकन्दर नाइट्रेट्स (nitrates) का एक अच्छा स्रोत है, इसका सेवन किए जाने पर ये नाइट्राइट्स (nitrites) और एक गैस नाइट्रिक ऑक्साइड्स (nitric oxides) में बदल जाता है। ये दोनों तत्व धमनियों को चौड़ा करने और ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है। शोधकर्ताओं ने ये भी पाया है कि हर रोज़ 500 ग्राम चुकन्दर खाने से लगभग 6 घंटे में व्यक्ति का ब्लड प्रेशर घट जाता है।

2) ख़राब कोलेस्ट्रॉल कम करता है
चुकन्दर में काफी मात्रा में फाइबर, फ्लेवेनॉइड्स (flavanoids) और बेटासायनिन(betacyanin) होता है। बेटासायनिन की वजह से ही चुकन्दर का रंग लाल-बैंगनी होता है। यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। यह एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का ऑक्सीकरण कम करने में मदद करता है जिसकी वजह से यह धमनियों में नहीं जमता। इससे दिल के दौरे का जोखिम कम हो जाता है।

3) गर्भवती महिलाओं और भ्रूण के लिए फायदेमंद
चुकन्दर में उच्च मात्रा में फॉलिक एसिड पाया जाता है। यह पोषक तत्व गर्भवती महिलाओं और उनके अजन्म बच्चों के लिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इससे अजन्म बच्चे का मेरुदंड बनने में मदद मिलती है। चुकन्दर गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त ऊर्जा देता है।

4) आस्टिओपरोसिस से बचाव
चुकन्दर में मिनरल सिलिका (silica) मौजूद होता है। इस तत्व की वजह से शरीर कैल्शियम को प्रभावी रूप से इस्तेमाल कर पाता है। कैल्शियम हमारे दांतों और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है। इसलिए दिन में एक ग्लास चुकन्दर का जूस पीने से आप आस्टिओपरोसिस और हड्डियों व दांतों की दूसरी समस्याओं से बचे रह सकते हैं।

5) डायबिटीज़ पर नियंत्रण
जिन लोगों को डायबिटीज़ होती है वो चुकन्दर खाकर अपने मीठे की तलब मिटा सकते हैं। इसको खाने का फायदा ये होता है कि मीठे की तलब पूरी होने पर भी ये आपका ब्लड शुगर लेवल नहीं बढ़ाता क्योंकि ये ग्लाइसेमिक इंडेक्स वेजिटेबल (glycaemic index vegetable) है। इसका अर्थ ये है कि ये खून में बहुत धीरे-धीरे शुगर रिलीज़ करती है। इसमें बहुत कम कैलोरी होती है और इसका फैट-फ्री होना भी इसे डायबिटीज़ के मरीजों के लिए परफेक्ट वेजिटेबल बनाता है।

6) एनीमिया से लड़ता है
ये एक मिथक है कि रंग में लाल होने के कारण चुकन्दर खून की कमी को मिटाने में मदद करता है, और इस वजह से ये एनीमिया में जरूर खाना चाहिए। हालांकि इस मिथक में आधा सच भी छिपा है। चुकन्दर में बहुत अधिक आयरन होता है और आयरन की मदद से हीमाग्लूटनिन (haemagglutinin) बनता है, जो कि रक्त का ही एक ऐसा हिस्सा होता है जो ऑक्सीजन और बहुत से पोषक तत्वों को शरीर के दूसरे अंगों तक पहुंचाने में मदद करता है। चुकन्दर के यही आयरन तत्व एनीमिया से लड़ने में मदद करते हैं।

7) थकान दूर करता है
अमेरिकन डायबिटिक्स असोसिएशन की एक कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत किए गए एक अध्ययन में ये बात कही गई है कि चुकन्दर एनर्जी को बढ़ाता है। इसके नाइट्रेट तत्व धमनियों का विस्तार करने में मदद करते हैं जिससे कि शरीर के सभी हिस्सों में ऑक्सीजन ठीक प्रकार से पहुंच पाती है और इससे शरीर में एनर्जी बढ़ती है। इसके अलावा, चुकन्दर में आयरन बोता है जो कि स्टैमिना बढ़ाने का काम करता है।


8) सेक्शुअल हेल्थ और स्टैमिना बढ़ाने वाला
चुकन्दर को नेचुरल वियाग्रा भी कहा जाता है। पुराने ज़माने में इसका इस्तेमाल यौन स्वास्थ्य के लिए किया जाता है। चुकन्दर नाइट्रिक ऑक्साइड रिलीज़ करता है जिससे कि रक्त वाहिनियों का विस्तार होता है और जेनेटल्स में खून का दौरा बढ़ता है। इसके अलावा, चुकन्दर में बहुत अधिक मात्रा में एक केमिकल बोरॉन (boron) पाया जाता है जो कि ह्यूमन सेक्स हार्मोन के निर्माण में मददगार होता है। इसलिए अगर अगली बार वियाग्रा लेने का सोचें तो पहले चुकन्दर ट्राई कर लें।

9) कैंसर में फायदेमंद
चुकन्दर का बेटासायनिन(betacyanin) तत्व एक और बहुत ज़रूरी काम करता है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हुए एक अध्ययन में ये पाया गया कि जिन लोगों को ब्रेस्ट या प्रोस्टेट कैंसर होता है, वो अगर चुकन्दर खाए तो उनके ट्यूमर बढ़ने की गति 12.5% कम हो जाती है। जिन लोगों को ये खतरनाक बीमारी नहीं है उनके चुकन्दर खाने से इसका जोखिम कम हो जाता है।

10) कब्ज़ से राहत
चुकन्दर में फाइबर पाया जाता है, इस वजह से ये एक रेचक औषधि के रूप में काम करता है। इससे स्टूल नरम हो जाता है। साथ ही पेट से सारे टॉक्सिन्स निकल जाते हैं।

11) दिमाग तेज़ करता है
चुकन्दर का जूस पीने से व्यक्ति का स्टैमिना 16 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। ऐसा इसके नाइट्रेट तत्व के कारण होता है। शरीर में ऑक्सीजन बढ़ने से मस्तिष्क भी ठीक प्रकार से अपना काम कर पाता है। चुकन्दर खाकर आप डिमेंशिया तक में राहत पा सकते हैं।

100g. Chukandar me paya jata he-
कार्बोहाइड्रेट (9.96 ग्राम), चीनी (7.96 ग्राम), फाइबर (2.0 ग्राम), वसा या फैट (0.18 ग्राम), प्रोटीन (1.68 ग्राम), विटामिन बी1 (0.031 मिलीग्राम), विटामिन बी2 (0.027 मिलीग्राम), विटामिन बी3 (0.331 मिलीग्राम), विटामिन बी5 (0.145 मिलीग्राम), विटामिन बी6 (0.067 मिलीग्राम), विटामिन सी (3.6 मिलीग्राम), कैल्शियम (16 मिलीग्राम), लौह तत्व (0.79 मिलीग्राम), मैगनीशियम (23 मिलीग्राम), फास्फोरस (38 मिलीग्राम), पोटेशियम (305 मिलीग्राम), सोडियम (77 मिलीग्राम), और जिंक (0.35 मिलीग्राम) पाया जाता है.

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