Saturday, December 31, 2016

दूध में शहद मिलाकर पीने के बेमिसाल फायदे

वैसे दूध तो ज्यादातर लोग कभी अपनी थकान उतारने के लिए तो कभी ताकत के लिए लेना पसंद करते हैं। लेकिन क्या कभी आपने दूध को शहद के साथ लेने के बारे में सोचा है। अगर नहीं तो, आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि दूध और शहद मिलाकर पीना सेहत के लिए कितना फायदेमंद होता है। यह सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यहां तक आप इससे होने वाले फायदों के बारे में भी सुनकर चौंक जाएंगे कि यह गंभीर से गंभीर बीमारी को सही कर देने की ताकत रखता है।

दूध और शहद को फेस पर लगाने से त्वचा में कितना निखार आता है यह तो ज्यादातर सभी को पता है। लेकिन इन दोनों को मिलाकर पीने के कितने लाभ है इसके बारे में कम ही लोग जानते हैं। बता दें कि जब दूध के साथ शहद मिल जाता है तो यह एक औषधि का रूप ले लेता है। जो गंभीर से गंभीर बीमारी को सही करने में कारगार साबित होता है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि इन दोनों को मिलाकर पीने से सेहत को कौन-कौन से लाभ मिलते हैं।

दूध में काफी ज्यादा मात्रा में विटामिन ए, विटामिन बी और डी के अलावा कैल्शियम, प्रोटीन और लैक्ट‍िक एसिड पाया जाता है। तो वहीं दूसरी ओर शहद में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण पाया जाता है। ऐसे में इन दोनों को मिलाने से जब दूध और शहद के तत्व मिलते है तो यह एक औषधि बन जाते है। तो चलिए जानते हैं अब गर्म दूध और शहद मिलाकर पीनें से होने वाले फायदों के बारे में…

• आयुर्वेद में भी बांझपन और नपुंसकता की परेशानी को दूर करने के लिए शहद को दवा के रुप में प्रयोग करने की सलाह दी गई हैं। अगर आप गुनगुने दूध में एक चम्मच शहद मिला कर पीती है तो इससे आपकी प्रजनन क्षमता बढ़ जाएगी और शुक्राणुओं की संख्‍या  भी 60 मिलियन तक पहुंच जाएगी। दूध को आप एक हर्बल दवा के रुप में प्रयोग कर सकते है।
• अगर आप किसी चीज को लेकर तनाव में है तो आपके लिए दूध और शहद काफी फायदेमंद है। इसके लिए आप गर्म दूध में शहद को मिलाकर पीएं। जिससे आपकी तंत्रिका कोशिकाओं और तंत्रिका तंत्र को आराम मिलेगा और आप तनाव से निजात पा सकते है।
• अगर आपको रात को नींद नहीं आती है। आप अनिद्रा की समस्या से ग्रस्त है। तो आपको दूध और शहद का दूध अच्छी नींद लाने में सहायक है। इसके लिए आप सोने से करीब एक घंटे पहले गर्म दूध में थोड़ा सा शहद मिलाकर पीएं। इससे आपको काफी अच्छी नींद आएगी।
• गर्म दूध में शहद का सेवन पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाने का काम करता है। जिससे आपको कभी भी कब्ज और अपच की समस्या नहीं होगी।

• आपने सुना होगा कि डॉक्टर अक्सर हड्डियों से जुड़ी समस्या होने पर दूध पीने की सलाह देते हैं क्योंकि दूध में कैल्शियम पाया जाता है जो कि आपकी हड्ड‍ियों को मजबूत बनाने का काम करता है। इसके लिए अगर आप दूध में शहद डालकर पिएंगे तो ज्यादा आराम मिलेगा। क्योंकि यह हड्डियों में अगर कोई नुकसान हुआ हो तो उसकी भरपाई भी करता रहता है।
• यह हमारे शारीरिक और मानसिक क्षमता के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। इसकी क्षमता बढ़ने का सीधा असर हमारे काम पर भी पड़ता है। जोकि काफी सकरात्मक होता है।
• अगर आप काफी थके हैं तो अपनी थकान को भगाने के लिए आपके पास इससे अच्छा कुछ और हो ही नही सकता है। क्योंकि गर्म दूध और शहद को पीने से शरीर में दुबारा ऊर्जा भर जाती है। वैसे गर्म दूध में शहद डालकर सुबह-सुबह बच्चों को भी स्‍कूल जाते समय जरुर देना चाहिए। इससे उनके दिन की शुरुआत काफी अच्‍छी होगी।
• जो लोग कैंसर से पीडित हैं या फिर जिन लोगों के दांत काफी कमजोर हैं और जो खाने को सही ढंग से चबा कर नहीं खा पाते हैं। उनके लिए गर्म दूध और शहद का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है। यह एक ऐसा आहार माना जाता है है जो हमारें शरीर में जाकर उसकी हर कमी को पूरा करता है। >Copy right: khoobsurati.com

Thursday, December 29, 2016

मटर के फायदे

विटामिन के
हरी मटर में विटामिन के भरपूर मात्रा में होता है जिससे हड्डियां मजबूत होती है। यह ऑस्टियोपोरोसिस के खिलाफ प्रभावी ढंग से काम करती है। कुल मिलाकर हरी मटर, पॉवर पैक का काम करती है और हेल्‍दी लाइफ पाने के लिए अच्‍छी सब्‍जी है।

चेहरे की झांई
कुछ दिनों तक चेहरे पर मटर के आटे का उबटन मलते रहने से झांई और धब्बे समाप्त हो जाते हैं।
वजन निंयत्रित करता है
मटर में मौजूद गुण वजन को नियंत्रित करते हैं। मटर में लो कैलोरी और लो फैट होता है। हरी मटर में हाई फाइबर होता है जो वजन को बढ़ने से रोकता है। यदि वजन कम करना चाहते हैं तो अपने भोजन में हरी मटर का इस्तेमाल अधिक से अधिक करें।
शरीर की प्रतिरक्षा को बढ़ाता है
मटर शरीर में मौजूद आयरन, जिंक, मैगनीज और तांबा शरीर को बीमारियों से बचाता है। मटर में एंटीआॅक्सीडेंट होता है।

जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है ताकि शरीर बीमारियों से मुक्त रह सके।
जलन बंद करने में कारगर
ताजा हरे मटर के दानों को पीसकर जले हुए स्थान पर लगाने से जलन बंद हो जाती है।

कोलेस्ट्रॉल से दूरी
हरी मटर में ऐसे स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक गुण होते है जो शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल बढ़ने नहीं देते। हरी मटर में शरीर से ट्राइग्लिसराइड्स के स्‍तर को कम करने का गुण होता है और इसके सेवन से ब्‍लड़ में कोलेस्‍ट्रॉल संतुलित होता है। शरीर से कई बीमारियां भी इसके खाने से कम होती है।
पेट के कैंसर में लाभ
पेट के कैंसर में हरी मटर एक कारगर औषिधि है। एक अध्धयन में पता चला है कि मटर में मौजूद काउमेस्ट्रोल जो कैंसर से लड़ने में मददगार होता है। साथ ही हरी मटर का प्रतिदिन सेवन करने से पेट के कैंसर का खतरा कम हो सकता है।
यंग बनाए रखने में सहायक
हरी मटर में एंटी-ऑक्सीडेंट, फ्लैवानॉइड्स, फाइटोन्यूटिंस, कैरोटिन पाए जाते हैं जो शरीर को यंग और एनर्जी से भरपूर रखते हैं।
गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद
मटर में मौजूद फालोक एसिड जो पेट में भू्रणं की समस्याओं को दूर करता है साथ ही गर्भवती महिला को पर्याप्त पोषण देता है। गर्भवती महिलाओं को अपने खाने में हरी मटर को जरूर शामिल करना चाहिए।
दिल की देखभाल करें
हरी मटर के स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक गुणों में एक गुण यह भी है कि इसके सेवन से हार्ट की बीमरियां कम होती है। इसमें एंटी - इनफ्लैमेट्टरी कम्‍पाउंड होते है और एंटी - ऑक्‍सीडेंट भी भरपूर मात्रा में होता है। इन दोनों ही कम्‍पाउंड के कॉम्‍बीनेशन से दिल की बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है।
करे डायबिटीज को नियंत्रित
हरी मटर में प्रोटीन के तत्व और उच्च फाइबर पाया जाता है जो शरीर में मौजूद शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है साथ ही डायबिटीज के खतरों से भी बचाता है।
भूल जाने की बीमारी को घटाएं
कई लोगों को अल्‍जाइमर की समस्‍या होती है, ऐसे में वह रोजमर्रा की बातें भी भूल जाते है। हरी मटर के नियमित सेवन से यह समस्‍या दूर हो जाती है। हरी मटर को खाने से ऑस्ट्रियोपोरोसिस और ब्रोंकाइटिस आदि से लड़ने में सहायता मिलती है।

Saturday, December 10, 2016

Kalonji ke faide Benefit of Black Seeds

Kalonji is an herb. Kalonji is small black Seeds, Black seeds jise Urdu and Normal Hindi me Kalonji kaha jata hai, this is a wonderful herb. Yeah chmatkarik jadi boti hai, Kalonji ka scientific name 


Nigella Sativa he. Black seed has pungent bitter taste and smell (kaloji k swad and gand (boo) me halka kadwapan, tikhapan hota hai, Kalongi all diseases me beneficial mani jati he. About Kalonji Hazrat prophet Mohammad S.A.W. Ki aik Hadis ka mafhoom he keh “KALONJI me MAUT ke alawa her bimari ki shifa hai.” It mean Death (maut) ko chodhkar All disease ka treatment 
(ilaaj) Kalonji me maujood he. Kalunji ko leukemia, anemia, blood pressure, HIV aids, diabetes (Shugar), Pieria, cholesterol (Motapa), metabloic etc. disease all bimari me kalonji (black seed) beneficial hai, labhkari hai. It is important “Black cumin (kalajira) bhi Kalonji ki tarha dikhai deta he but black cumin different from Negilla Sativa (Kalonji). Kaljira and kalonji me farq hota he.


Benefits of KALONJI (black seeds):

  • Intestinal worms (pait ke kide):- Intestinal worms yani pet ke kide Kalonji khane se khtam ho jate he.
  • Bawasir (piles) ka ilaaj:- Klonji (black seed) ko jala kar khane se piles (Bawasir) door hati he.
  • Teeth pain (Danto ka Dard): - Kalonji ko pani mein boil (Ubaal) kar gharare karne se Teeth pain (daanto ka dard) khatm hota he.
  • Pregnancy ke bad:- Bachche ki delivery ke bad Maa ke pistan (best) me Milk (doodh) ki kami ho rahi ho to Kalonji ke chand dane daily khane se Doodh ki miqdar better ho sakti he.
  • Urine Problem: - Agar kisi ko urine pas na ho raha ho to is condition me Kalonji (black seed) khane se peshab khul kar ata he.
  • Period problem: Aurat ki mahwari (Haiz, M.C) me agar rukawat ho to Kalonji m.c. ki rukawat ko door karti he.
  • Face beauty: - Khubsurat dikhne k lye chehre (face) ke daag dhabbe, keel, muhasey door karne ke liye bhi expert Kalonji ka use better batate hain.
  • Kidney stone and Masana ki Pathri :- Kidney stone our masane ki pathri ke ilaaj ke lye Kalonji ko Honey (Shahed) ke saath khayein is se Pathri bahar nikal jati he.

Black seed “Kalonji” market me jadi boty ki Dukaan (Herbal shop) par and Kaloji ka tel, black seeds oil medical par asani se mil sakta he but hamri ray, suggestion yeh hai k aap Expert Hakim ko apni bimari batakar better treatment ke lye kaloji ke use ka proper tarika mloom kare and phir is ko use kare hum ne is post me jo bate aap ko batai he I mean jin diseases ka treatment k bare me bataya he un ke alawa bhi many problem ke solution, bimariyon ke ilaaj  ke lye Kaloji fayedemnd hai.

Note: - Given information, digai jankari sahi ho is ki puri koshish ki gai he but phir bhi aap this blog information (jankari) ko self check zarur karle.

Friday, November 18, 2016

शरीर और जोड़ो के दर्द से छुटकारा

जोड़ो का दर्द किसी भी कारण हो सकता है जैसे के बढती उम्र, जोड़ो में तरल की कमी तथा किसी प्रकार की चोट |आज हम आपके लिए एक ऐसा नुख्सा लेकर आये है जिस के इस्तेमाल से आपके जोड़ो का दर्द मानो छूमंतर हो जायेगा

आवश्यक सामग्री

5-6 गाजर
½ चमच काली मिर्च
2 cm ताजा अदरक का टुकड़ा
½ चम्च हल्दी
बनाने की विधि
गाजर को अच्छी तरह से साफ़ कर लेना है और काट लेना है | उसके बाद अदरक हल्दी और काली मिर्च का पाउडर बना लेना है और इन सब को इक साथ ब्लेंडर में डाल कर ब्लेंड कर लेना है जब तक के यह अच्छी तरह से मिक्स न हो जाये सम्पूर्ण मिश्रण बन जाने के बाद रोजाना तीन बार 50 से 60 ml सेवन करना है लेकिन ध्यान रखे के इस मिश्रण का सेवन खाना खाने के आधा घंटा पहले करे | अगर यह मिश्रण ज्यादा गाढ़ा हो जाये तो आप इसमें जरूरत अनुसार पानी मिला सकते हो |आप को जल्द ही फर्क महसूस होगा |

Nibu + Namak + Kalimirch ka kamal

नमक, काली मिर्च और नींबू के इस प्रयोग से इन 7 बिमारियों को किसी भी दवा से बेहतर ठीक कर सकते हैं..!! 
मौसम के बदलने पर लोग अक्सर बीमार पड़ जाते है. बुखार व खांसी हो जाती है,जिसकी वजह से बार-बार हॉस्पिटल के चक्कर लगाने पड़ते है. मानसून आने वाला है ऐसे में कई लोग वेदर चेंज को आसानी से सह नहीं पाते और उनके लिए छोटी से बीमारी बड़ी बिमारी का रूप ले लेती है. इन छोटी-छोटी बीमारी की वजह से आपको हॉस्पिटल के चक्कर न काटना पड़े इसके लिए आप घर में ही घरेलु उपचार कर सकते है. तो बताते  है नमक,नींबू और काली मिर्च के मिश्रण के कुछ चमत्कारी  फायदे –
Salt, Pepper and Lemon / नमक, काली मिर्च और नींबू
नमक (1 छोटा चम्‍मच), काली मिर्च (½ छोटा चम्‍मच) और नींबू (कुछ बूंद) के रस से 7 तरह की बीमारियों को ठीक कर सकते हैं । जी हां, आपकी जानकारी के लिये हम नीचे बताएंगे कि यह कौन कौन सी बीमारियों को ठीक कर सकता है।

*वजन घटाए

एक चौथाई छोटा चमच पीसी हुए काली मिर्च , 2 बड़े चमच ताज़ा निम्बू का रस , 1 बड़ा चमच शहद लेकर एक ग्लास पानी में मिला लें |
रोज सुबह खाली पेट इस मिश्रण को लेने से शरीर का मैटाबॉलिज्‍म तेज होता है और वजन घटाने में मदद मिलती है।

*दांत दर्द में राहत

1/2 छोटा चमच पीसी हुई काली मिर्च, 1/2 छोटा चमच लौंग का तेल ले कर मिला लें | इस मिश्रण को गरम पानी में मिला कर कुल्‍ला कीजिये, आपका दांत दर्द खतम हो जाएगा।

*.फ्लू भगाए

अगर इस मिश्रण को शहद के साथ खाएं तो फ्लू पैदा करने वाले वायरस और रोगाणुओं की छुट्टी हो जाती है।

*.मतली कम कर देता है

एक बड़ा चमच नीम्बू का रस , एक छोटा चमच काली मिर्च ले कर एक गिलास गरम पानी में मिला घूंट घूंट कर के पिए |ये मिश्रण आपके पेट में बढ़े हुए एसिड को कम कर देता हैं, इसलिये आपको जब भी मतली या एसिडिटी का एहसास हो तो, इसे लेना ना भूलें।

*.बंद नाक को खोले

इन तीनों का मिश्रण अगर गरम पानी के साथ लिया जाए तो यह शरीर में गर्मी का उत्पादन कर के नाक की नली में हुई सूजन को कम करेगा और बंद नाक को खोलेगा।

*.गले के दर्द में राहत दिलाए

इस मिश्रण में एंटीबैक्‍टीरियल गुण होते हैं जो गले में पनप रहे बैक्‍टीरिया का नाश कर के गले के दर्द से राहत दिलाता है। एक बड़ा चमच ताज़ा निम्बू का रस, 1/2 छोटा चमच पिसी हुए काली मिर्च और एक छोटा चमच उच्च गुणवत्ता वाला नमक लेकर एक गिलास गरम पानी में मिला लें इस मिश्रण से दिन में कई बार कुल्ला करें इस से आपको गले के दर्द और खांसी से राहत मिलेगी|

*.गॉलस्‍टोन ठीक करे

यदी इन तीनों मिश्रण के साथ जैतून का तेल भी मिला लिया जाए और फिर इसका सेवन किया जाए तो यह मिश्रण बड़ा ही शक्तिशाली बन जाता है। तब यह मिश्रण गॉल ब्‍लैडर में इकत्रित स्‍टोन्‍स को घुलने में मदद करता है। लेकिन इसको नियमित लेना होगा।


Warning: This site provides general information about your health. for more information and treatments please contact your doctor.

Qabz ki Alamaat, Qabz ki Waja or Ilaj

Qabz se murad woh surat hal hoti hai jis mein khushk, sakht ajabat maamool se hat kar, kam taadad mein ya be qaidgi se dushwari, tkleef aur baaz auqaat dard ke sath ho. Aam tor par isay be zarar samjha jata hai lekin is baat ka imkan hota hai keh yeh koi poshidah kharabi ki alamat ho. Khas tor par in afrad men jo 40 saal se ziadha ke ho chuke hain.


Qabz ki Wajohat(Constipation Causes)

Qabz ki wajoohat amooman darj zel ho skti hain.
1. Hormone ke akhraj mein tbdeelyan jaisa keh hamal ke doran hoti hain.

2. Thyhayride ghizah ka zaroorat se kam fayal hona (Hypothyroidism)

3. Charb dar gosht dairy masnuaat buhat ziadah istemaal karne khanon mein sirkah, mirch, namak, masalah jat aur aluminum ki ziadti se bhi ajabat mein dushwari ho skti hai.

4. Khorak mein reshe, bhoosi chilke (fiber ki mqdar ka kam hona, ghair mutahrik tarz e zindagi, bawaseer mein shigaf (anal fissure) iron ki tablets ka istemaal.

5. Baaz ghizaon ki kami ya ziadti se bhi qabz ho skta hai, maslan kum pani pina ya siyal ghizaon ka kam istemaal, vitamin B6, B5 potassium, magnesium, aur jast ki kami se bhi qabz ki shikayat ho skti hai.

6. Agar ghiza ke istemaal mein koi ghalti nahi ki ja rahi hai to qabz ka sabab buhat tezi se nawala halaq se utarna, warzish se ji churana, tention, dimaghi uljhan, pareshani mayoosi, antibiotic dawaon ka istemaal qabz kusha dawaon ka aadi ho jana ya doctori noskhe ke be ghair farokht hone wali baaz makhsoos dawayein maslan khansi ke syrup se bhi qabz ho skta hai.

Qabz ki Alamaat (Constipation Symptoms)

1. Thakawat mehsoos hoti hai.

2. Matli mehsoos hoti hai.

3. Ajabat ke waqt dard

4. Wazan mein kami.

5. Zuban par papri jam jati hai, bhook ur jati hai.

6. Jo log qabz mein mubtila hote hain in mein amooman sar dard ki shikayat hoti hai.

7. Thakawat aur afsurdugi ka ahsaas hota hai aur in mein se beshter alamtein is wajah se samne aati hain keh motalqah fard ajabat na hone ke bais pareshan rehta

Qabz ka Ilaj (Constipation Treatment)
1. Qabz se bachne ya nijat ke liye aap apni ghiza mein desi cheezein ziadah shamil karein jin mein reshe ki mqdar ziadah hoti hai. Maslan badam, khushk injeer khushk khoobani khopre ka chura waghirah.

2. Pani ki mqdar barha dein. Pani kam pine se aantein bhi khushk ho jati hain aur fazle ko aagay ki taraf harkat karne mein dushwari hoti hai.

3. Saaf chane huye sufaid aatay ke bajaye woh aata istemaal karein jis mein bhoosi shamil ho.

4. Fruit aur vegetable ziadah istemaal karein agar mumkin hoto chilka samet kahyein.

5. Qabz torne ki khasoosyat ki hamil jri bootyon mein methi, chini aur marshmallow poday ki jarein amaltas (buck home) aur senna ki pattiyan shamil hain. In jari bootyon mein se har aik qabz kusha hai. Agar in mein se kisi aik ko istemaal karna hoto isay pani mein josh de kar din mein teen bar piyein.

6. Woh chach jis mein acidophilus nami sehat bakhsh jaraseem hote hain is ke istemaal se bhi aantein sehat mand rehti hain aur ajabat maamool ke mutabiq hoti hai.

7. Agar qabz ki shikayat purani ho aur kisi wajah se antibiotic dawayein bhi leni parein to is ke sath vitamin B capsule ka istemaal mufeed rehta hai khas tor par vitamin B se qabz door ho jata hai. Qabz rafa karne ke liye ispaghol ki bhoosi bhi istefada kia ja skta hai. 


  • Dhood, chawal, gosht, fast food aur meetha (cake weghaira)  qabz main achay nahin hotey – qabz k duran inka istemal kam aur phalon aur sabzion ka istemal ziada karen.
  • Sony sy pehle garm doodh mein isbgol ka chlka mila kr pya jye, yeh kbz kusha hota hy
  • Angoor khany sy pruna kbz bhi door hota hy. Yeh kbz kusha or maidy ky lyey nhiat mufeed hein
  • Ginger juice yani adrk ky ark ko naaf ky ird gird mlny sy constipation door hoti hy…maheena bhr istimaal krein or constipation sy saree zindgi ky lyey chutkara hasil krein
  • 5 kishmish doodh mein raat bhr ky lyey bhigo dein subha pehly behgi kishmish khein or phr doodh pein
  • Sonf ko pani ya doodh mein daal kr ubaal lein. Is ko peeny sy chronic constipation bhi khtm ho jayey gi
  • Adha pupeeta nashty sy pehly khany sy kbz door ho jata hy.
  • Anaar khany sy bhi kbz khtm hot hy or maida bhi sahee kam krta hy.
  • Khana pkaty huey us mein adrk zroor dalein , adrk powder ky bjyey taza adrk pees kr dalein. Adrk kbz kusha hy or seht ky lyey niaht mufeed hy. Han ji or khany ki shaan bhi brhata hy.
  • Gobhi qabz khatam karne k liye mofeed hai. Khas tour par agar issy ziatoon k tail maina pakaya jay tu yeh aur bhi ziada mofeed hai.
  • Pani ki kami bhi qabz ka baes ban sakti hai. Iss liye iss baat ko yaqni banaen k pani ki kami na ho. Khas tour par sobah uthte sath hi pani zaroor peeyen.
  • Nashpati, gajar, lobiya aur aaroo qabz yani constipation dur karne k liye mofeed cheezain hain.
  • 10-15 minutes tez walk karna bhi kabz aur maiday ki takalfon k liye faidamand hota hai
  • Rafae hajat k liye aik time muqarar karen aur koshish karen ke uss  time ki pabandi karen. Hajat main jald bazi na karen.
  • Imli qabz (Constipation) aur stomach k liye mofeed hoti hai.

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Sunday, October 23, 2016

गंजेपन का इलाज

लोग बालो कि समसया से काफ़ी परेशान हैं. 
जैसे की बाल झड़ना या बाल रहना ही ना, तो उन सबके लिए एक बहुत ही आसान सा उपाय 

कनेर के 60-70 ग्राम पत्ते (लाल या पीली दोनों में से कोई भी या दोनों ही एक साथ ) ले के उन्हें पहले अच्छे से सूखे कपडे से साफ़ कर लें ताकि उनपे जो मिटटी है वो निकल जाये.,. अब एक लीटर सरसों का तेल या नारियल का तेल या जेतून का तेल ले के उसमे पत्ते काट काट के डाल दें. अब तेल को गरम करने के लिए रख दें. जब सारे पत्ते जल कर काले पड़ जाएँ तो उन्हें निकाल कर फेंक दें और तेल को ठण्डा कर के छान लें और किसी बोटल में भर के रख लें.....

पर्योग विधि :- रोज़ जहाँ जहाँ पर भी बाल नहीं हैं वहां वहां थोडा सा तेल ले के बस 2 मिनट मालिश करनी है और बस फिर भूल जाएँ अगले दिन तक. ये आप रात को सोते हुए भी लगा सकते हैं और दिन में काम पे जाने से पहले भी... 
बस एक महीने में आपको असर दिखना शुरू हो जायेगा. सिर्फ 10 दिन के अन्दर अन्दर बाल झड़ने बंद हो जायेंगे या बहुत ही कम. और नए बाल भी एक महीने तक आने शुरू हो जायेंगे.

नोट : ये उपाय पूरी तरह से tested है.. हमने कम से कम भी 10 लोगो पे इसका सफल परीक्षण किया है. एक औरत के 14 साल से बाल झड़ने बंद नहीं हो रहे थे. इस तेल से मात्र 6 दिन में बाल झड़ने बंद हो गये. 65 साल तक के आदमियों के बाल आते देखे हैं इस प्रयोग से जिनका के हमारे पास data भी पड़ा है.. आप भी लाभ उठायें और अगर किसी को फरक पड़े तो जरुर बताये.

धन्यवाद ...
नोट :- पीले पत्ते वही ले जो पेड़ पर पक कर पीले हो जाये . पीले होने के बाद वो थोड़ा लाल भी हो जाते है , वो भी ले सकते है.
>ramayurved.blog

Monday, October 10, 2016

शतावर ( SHTAWAWAR )

सतावर का वानस्पतिक नाम ऐस्पेरेगस रेसीमोसस है यह लिलिएसी कुल का एक औषधीय गुणों वाला पादप है। इसे 'शतावर', 'शतावरी', 'सतावरी', 'सतमूल' और 'सतमूली' के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत, श्रीलंका तथा पूरे हिमालयी क्षेत्र में उगता है। इसका पौधा अनेक शाखाओं से युक्त काँटेदार लता के रूप में एक मीटर से दो मीटर तक लम्बा होता है। इसकी जड़ें गुच्छों के रूप में होतीं हैं। वर्तमान समय में इस पौधे पर लुप्त होने का खतरा है।सतावर अथवा शतावरी भारतवर्ष के विभिन्न भागों में प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली बहुवर्षीय आरोही लता है। नोकदार पत्तियों वाली इस लता को घरों तथा बगीचों में शोभा हेतु भी लगाया जाता है। जिससे अधिकांश लोग इसे अच्छी तरह पहचानते हैं। सतावर के औषधीय उपयोगों से भी भारतवासी काफी पूर्व से परिचित हैं तथा विभिन्न भारतीय चिकित्सा पद्धतियों में इसका सदियों से उपयोग किया जाता रहा है। विभिन्न वैज्ञानिक परीक्षणों में भी विभिन्न विकारों के निवारण में इसकी औषधीय उपयोगिता सिद्ध हो चुकी है तथा वर्तमान में इसे एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा होने का गौरव प्राप्त है।

सतावर की पूर्ण विकसित लता 30 से 35 फुट तक ऊँची हो सकती है। प्रायः मूल से इसकी कई लताएं अथवा शाखाएं एक साथ निकलती हैं। यद्यपि यह लता की तरह बढ़ती है परन्तु इसकी शाखाएं काफी कठोर और लकड़ी के जैसी होती हैं। इसके पत्ते काफी पतले तथा सुइयों जैसे नुकीले होते हैं। इनके साथ-साथ इनमें छोटे-छोटे कांटे भी लगते हैं। जो किन्हीं प्रजातियों में ज्यादा तथा किन्हीं में कम आते हैं ग्रीष्म ऋतु में प्रायः इसकी लता का ≈परी भाग सूख जाता है तथा वर्षा ऋतु में पुनः नवीन शाखाएं निकलती हैं। सितंबर-अक्टूबर माह में इसमें गुच्छों में पुष्प आते हैं तथा तदुपरान्त उन पर मटर के दाने जैसे हरे फल लगते हैं।





धीरे-धीरे ये फल पकने लगते हैं तथा पकने पर प्रायः लाल रंग के हो जाते हैं। इन्हीं फलों से निकलने वाले बीजों को आगे बिजाई हेतु प्रयुक्त किया जाता है। पौधे के मूलस्तम्भ से सफेद ट्यूबर्स (मूलों) का गुच्छा निकलता है जिसमें प्रायः प्रतिवर्ष वृद्धि होती जाती हैं औषधीय उपयोग में मुख्यतया यही मूल आथवा इन्हीं ट्यूबर्स का उपयोग किया जाता है।

सतावर के प्रमुख औषधीय उपयोग
सतावर भारतीय चिकित्सा पद्धतियों में प्रयुक्त होने वाले प्रमुख औषधीय पौधों में से एक हैं जिन विकारों के निदान हेतु इसका प्रमुखता से उपयोग किया जाता है, वे निम्नानुसार है-
  • शक्तिवर्धक के रूप में
    विभिन्न शक्तिवर्धक दवाइयों के निर्माण में सतावर का उपयोग किया जाता है। यह न केवल सामान्य कमजोरी, बल्कि शुÿवर्धन तथा यौनशक्ति बढ़ाने से संबंधित बनाई जाने वाली कई दवाईयों जिसमें यूनानी पद्धति से बनाई जाने वाली माजून जंजीबेल, माजून शीर बरगदवली तथा माजून पाक आदि प्रसिद्ध हैं, में भी प्रयुक्त किया है। न केवल पुरुषों बल्कि महिलाओं के विभिन्न योनिदोषों के निवारण के साथ-साथ यह महिलाओं के बांझपन के इलाज हेतु भी प्रयुक्त किया जाता हैं इस संदर्भ में यूनानी पद्धति से बनाया जाने वाला हलवा-ए-सुपारी पाक अपनी विशेष पहचान रखता है।
  • दुग्ध बढ़ाने हेतु
    माताओं का दुग्ध बढ़ाने में भी सतावर काफी प्रभावी सिद्ध हुआ है तथा वर्तमान में इससे संबंधित कई दवाइयां बनाई जा रही हैं। न केवल महिलाओं बल्कि पशुओं-भैसों तथा गायों में दूध बढ़ाने में भी सतावर काफी उपयोगी सिद्ध हुआ है।
  • चर्मरोगों के उपचार हेतु
    विभिन्न चर्म रोगों जैसे त्वचा का सूखापन, कुष्ठ रोग आदि में भी इसका बखूबी उपयोग किया जाता है।
  • शारीरिक दर्दों के उपचार हेतुआंतरिक हैमरेज, गठिया, पेट के दर्दों, पेशाब एवं मूत्र संस्थान से संबंधित रोगों, गर्दन के अकड़ जाने (स्टिफनेस), पाक्षाघात, अर्धपाक्षाघात, पैरों के तलवों में जलन, साइटिका, हाथों तथा घुटने आदि के दर्द तथा सरदर्द आदि के निवारण हेतु बनाई जाने वाली विभिन्न औषधियों में भी इसे उपयोग में लाया जाता है। उपरोक्त के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के बुखारों ह्मलेरिया, टायफाइड, पीलिया तथा स्नायु तंत्र से संबंधित विकारों के उपचार हेतु भी इसका उपयोग किया जाता है। ल्यूकोरिया के उपचार हेतु इसकी जड़ों को गाय के दूध के साथ उबाल करके देने पर लाभ होता है। सतावर काफी अधिक औषधीय उपयोग का पौधा है। यूं तो अभी तक इसकी बहुतायत में उपलब्धता जंगलों से ही है परन्तु इसकी उपयोगिता तथा मांग को देखते हुए इसके कृषिकरण की आवश्यकता महसूस होने लगी है तथा कई क्षेत्रों में बड़े स्तर पर इसकी खेती प्रारंभ हो चुकी है जो न केवल कृषिकरण की दृष्टि से बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी काफी लाभकारी सिद्ध हो रही है।

सतवारी से दवा बनाने की विधिपाँच किलो भैंस के दूध् का घर पर मावा (खोवा) बनायें, पाँच किलो दूध का लगभग एक किलो मावा बन जाता है, मावा बनाने के लिए दूध को धीमी आँच पर रख दें। जब दूध पकते -पकते गाढ़ा-सा हो जाये और मावा बनने वाला हो तब पचास ग्राम शतावरी का चूर्ण उसमें डालकर कुछ देर तक हिलाते रहें। मावा बनने के साथ शतावरी का चूर्ण उसमें एकदिल हो जाएगा। जब मावा बनकर तैयार हो जाये तब 20-20 ग्राम के पेड़े बना ले और काँच के पात्रा में सुरक्षित रख ले।
सेवन विधिरोजाना प्रातः निराहार एक पेड़ा दूध् के साथ बच्चे बड़े सभी खा सकते हैं। बारह मास इन पेड़ों का सेवन किया जा सकता है।
लाभशतावरी के पेड़ों के नियमित सेवन से बालको की बुद्धि,स्मरणशक्ति और निश्चय-शक्ति बढ़ती है और अच्छा विकास होता है। रूपरंग निखरता है। त्वचा मजबूत और स्वस्थ होती है।
शरीर भरा-भरा पुष्ट और संतुलित होता है। पफेपफड़े रोग रहित और मजबूत बनते हैं। आँखों में चमक और ज्योति बढ़ती है। शरीर की सब प्रकार की कमजोरियां नष्ट होकर अपार वीर्य वृद्धि और शुक्र वृद्धि होती है। इसके सेवन से वृद्धावस्था दूर रहती है और मनुष्य दीर्घायु होता है।
जो बच्चे रात को चैंक कर और डर कर अचानक नींद से जाग उठते हों उनके सिरहाने, तकिये के नीचे या जेब में शतावरी के पौधे की एक छोटी सी डंठल रख दें अथवा बच्चे के गले में बांध दें तो बच्चा रात में नींद में डरकर या चैंककर नहीं उठेगा।
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फल गुण - 
यह मधुर , कटु , चिकनी , शीतल , पौष्टिक , वीर्यवर्ध्दक , बलकारक , नवयौवन प्रदायक होता है ।इसके सेवन से बलवीर्य में बृद्धि होती है और पुरुषो में मर्दाना ताकत बढ़ जाती है । यह स्त्रियों के गर्भाशय शक्ति प्रदान करती है और माता के स्तनों में दूध बढ़ाती है । यह मस्तिष्क , नेत्र , ह्रदय , नाड़ी आदि के समस्त रोगों को दूर करके उन्हें शक्ति प्रदान करती है ।
प्रमुख फायदे - 
पेशाब में रुकावट -40 ग्राम सुखी शतावर को कूट कर पानी के साथ पीस ले और उसे कपड़े से छान कर बराबर मात्र में दूध के साथ ले । इसे शीघ्र ही खुलकर पेशाब होने लगेगा । या ताज़ी शतावर का 25 ग्राम रस गाय के दूध के साथ पिलादे इसके पिलाने के कुछ ही देर में पेशाब चालु हो जाएगा ।
पौरुष बल बढ़ाने के लिये -( a ) 100 ग्राम सुखी शतावर को कूट कर महीन कपड़े से छान कर चूर्ण बनाले एवं 10 दिन सुबह नास्ते के बाद एक ग्लास दूध से ले ।इसे बल - वीर्य बढ़ जाता है ।
100 ग्राम कौंच के बिज , 100 ग्राम अश्वगन्धा , 100 ग्राम मुसली , 100 ग्राम शतावर सबको अच्छी तरह से कूट कर महीन चूर्ण बनाले और 5 - 5 ग्राम चूर्ण सुबह - शाम दूध के साथ ले ।इसे नपुंसकता , ताकत का अभाव , चिड़चिड़ापन , निराशा आदि की समस्या दूर हो जाती है ।काम इच्छा को तेज कर देती है । इसका सेवन गर्मी कदिनों में नही करनी चाहिये ।सुखी शतावर 10 ग्राम , मिश्री 100 ग्राम दोनों को कूट क्र महीन चूर्ण बनाले ।और इसमेसे 5 ग्राम शुध्द देशी घी में मिलाकर चाट कर एक ग्लास दूध पि ले ।इसे स्वप्नदोष , शीघ्रपतन आदि समाप्त हो जाती है ।इसका सेवन गर्मी के मौसम में वर्जित है ।

बांझपन - सुखी शतावर का चूर्ण 5 ग्राम 10 ग्राम घी के साथ चाट कर एक ग्लास गुनगुना दूध पी ले ।इसका एक से डेढ़ माह के सेवन से ही स्त्रियों के गर्भाशय की समस्त विकृतियां दूर हो जाती है ।जिसे गर्भ स्थापना में सहयोग मिलती है ।
स्त्रियों के दूध बढ़ाने के लिये -200 ग्राम शतावर को कूट कर चूर्ण बनाले ।और इसे प्रतिदिन 5 ग्राम दूध के साथ सुबह शाम दे ।इसे माता के स्तनों का दूध बढ़ जाता है ।प्रसव में आई कमजोरी भी दूर हो जाती है ।>> Yeh Articale "ayurvedapnaye blogspot" se liya gaya he

*शतावरी क़ी ताज़ी जड़ को यवकूट करें ,इसका स्वरस निकालें और इसमें बराबर मात्रा में तिल का तेल मिलाकर पका लें,हो गया मालिश का तेल तैयार |.इसे माइग्रेन जैसे सिरदर्द में लगायें और लाभ देखें I
*यदि रोगी खांसते-खांसते परेशान हो तो शतावरी चूर्ण - 1.5 ग्राम ,वासा के पत्ते का स्वरस 2.5 मिली ,मिश्री के साथ लें और लाभ देखें I
*प्रसूता स्त्रियों में दूध न आने क़ी समस्या होने पर शतावरी का चूर्ण -पांच ग्राम गाय के दूध के साथ देने से लाभ मिलता है ..!
*यदि पुरुष यौन शिथिलता से परेशान हो तो शतावरी पाक या केवल इसके चूर्ण को दूध के साथ लेने से लाभ मिलता है I
*शतावरी को शुक्रजनन, शीतल, मधुर एवं दिव्य रसायन माना जाता है। महर्षि चरक ने भी शतावरी को चिर यौवन को कायम रखने वाला माना था। आधुनिक शोध भी शतावरी की जड़ को हृदय रोगों में प्रभावी मानते हैं। शतावरी के लगभग 5 ग्राम चूर्ण को सुबह और रात के समय गर्म दूध के साथ लेना लाभदायक होता है। इसे दूध में चाय की तरह पकाकर भी लिया जा सकता है।
* यह औषधि स्त्रियों के स्तनों को बढ़ाने में मददगार होती है। इसके अलावा शतावरी के ताजे रस को 10 ग्राम की मात्रा में लेने से वीर्य बढ़ता है। 
*शतावरी मूल का चूर्ण 2.5 ग्राम को मिश्री 2.5 ग्राम के साथ मिलाकर पांच ग्राम मात्रा में रोगी को सुबह शाम गाय के दूध के साथ देने से प्रमेह, प्री-मैच्योर इजेकुलेशन (स्वप्न-दोष) में लाभ मिलता है। यही नहीं शतावरी की जड़ के चूर्ण को दूध में मिलाकर सेवन करने से धातु वृद्धि भी होती है।
*यदि रोगी को मूत्र या मूत्रवह संस्थान से सम्बंधित विकृति हो तो शतावरी को गोखरू के साथ लेने से लाभ मिलता है 
*शतावरी के पत्तियों का कल्क बनाकर घाव पर लगाने से भी घाव भर जाता है ...!

शतावरी के रस को शहद के साथ लेने से जलन ,दर्द एवं अन्य पित्त से सम्बंधित बीमारियों में लाभ मिलता है ..


तो दोस्तों ये थे शतावरी के कुछ गुण | जिनका उपयोग करने आप अपनी परेशानी को दूर सकते है | लेकिन एक बात का अवश्य ध्यान दें | इसका प्रयोग करने से पहले किसी आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह अवश्य लें |

कमर के पुराने दर्द के लिए आसान सा नुस्खा। (Kamar ke Purane Dard ke liye aasan nuskha)

 ये साधारण सा उपाय करने से आपकी कमर दर्द हो सकता हैं छू – मंतर।

रात में 60 ग्राम गेहूं के दाने पानी में भिगो दे। सुबह इन भीगे हुए गेहूं के साथ 30 ग्राम खसखस तथा 30 ग्राम धनिया की मींगी (धनिया के छिलके हटाकर प्राप्त होने वाली गिरी) मिलाकर बारीक़ पीस ले। इस चटनी को दूध में पका ले और खीर बना ले। इस खीर को आवश्यकता अनुसार सप्ताह दो सप्ताह खाने से कमर का दर्द नाश होकर ताकत बढ़ती है। इससे पाचनशक्ति की कमजोरी भी मिटती है। केवल खसखस और मिश्री दोनों बराबर वजन लेकर और ऊपर से गर्म दूध पीने से भी कमर का दर्द जाता रहता है।
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Friday, October 7, 2016

Alovera (ग्वार पाठ)

Aloe Vera ko Gwarpatha bhi kha jata hai. Normal sa dikhne wala paudha kitna fayda pahuncha sakta hai shayad aapne soch bhi nhi hoga. Aayurveda me Aloevera ke aise guno ka explain kiya gya hai jo Asthama, Khasi, Gas ki problem, Pathari, Saso ki problem jaise kai bimariyo ko thik kar sakta hai. Iske liye aapko yah pata hona chahiye ki Aloe Vera ka use kis tarah kiya jaye. Achi soch ke jariye aapko milega kaise aap kai bimariyo ko door kar sakte hai sath hi apne chehre face ko bhi sundar bana sakte hai. Aloe Vera ek plant (paudha) hai jisake kinare patle hote hai. Aloe Vera se nikalne wala guda aushadhi ka kaam karta hai।



भयंकर से भयंकर कमरदर्द और स्लिप डिस्क का इलाज

सब से पहले आप ग्वार पाठ (एलो वेरा) लीजिये इसको पहले शोध ले। शोध की विधि नीचे बताई गयी हैं। इसका छिलका उतार ले और गुद्दा को कुचल कर बारीक कर ले अब इस में अंदाज़ से आटा मिला ले और इसको देसी घी में भून कर खांड मिला कर हलवा बना ले और 20-20 ग्राम के लड्डू बना ले। ज़रूरत अनुसार तीन से चार हफ्ते तक सुबह खाली पेट खाए। इस से भयंकर से भयंकर कमर दर्द और स्लिप डिस्क में आराम मिलता हैं। 
ग्वार पाठे के गुणों के कारण ही इस की सब्जी अक्सर गाँवों में बनायीं जाती हैं। ग्वार पाठे के उपयोग से शीघ्र पतन के रोगियों को भी बहुत फायदा होता हैं। 


ग्वार पाठे के लिए ज़रूरी हैं के इसको ऐसी जगह से लिया जाए जहाँ पर सफाई हो और प्रदुषण से मुक्त स्थान हो, क्युकी इसमें एक गन होता हैं के ये अपने आस पास की सारी गंदगी को खींच लेता हैं जो इस में समाई रहती हैं। जैसे माहोल से इसको लिया जाएगा वैसा ही ये शुद्ध और अशुद्ध होगा। 
ग्वार पाठा का शोधन। 
एक पात्र में गोबर के कण्डे (छाण , जो अक्सर गाँवों में गोबर को सुख से जलने के लिए बनाये जाते हैं) की राख बिछा ले, उस पर ग्वार पाठे को रख दे और इसके ऊपर भी राख बिछा दे। 4 से 6 घंटे रखने के बाद पानी से धो ले, इस प्रकार ग्वार पाठे का शोधन हो जाता हैं। 
ग्वार पाठा काफी गर्म होता हैं जिन लोगो को अधिक गर्मी की समस्या हो वह ये प्रयोग न करे

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Piliya Rog
piliya rog se pareshan rogi ke liye Aloe Vera ek ramban dawa hai. 15 Kg Aloe Vera ka rus subah sham peeye. Aapko is rog me fayda milega. Peshab sambadhi rog ho ya gurdo ki problem ho to Aloe Vera aapko fayda pahunchata hai. Aloe Vera ka gooda ya rus ka sevan kare.
Pet Problem – Kabj ko Kare Door
Aloe Vera Kabj ki problem ko khatm karta hai. Roj shubah ek gilas Aloe Vera juice ka sevan karne se purani se purani kabj thodi hi der me thik ho jate hai.
Elergy ho to Kare Use Aloe Vera
Aloe Vera me Emino acid ki matra bahut hoti hai jo elergy ko door karne ke kaam aata hai. Aloe Vera Sharir ki rog pratirodhak chhamta ko badhata hai.
Face Sundar aur Chamakdar

Aloe Vera ka guda chehre par lagane se chehra sundar aur chamakdar ban jata hai. Purus ho ya mahila dono ko Aloe Vera ka paste chehre par lagana chahiye. Yadi sir me dard ho to aap haldi me 10 Gm Aloevera milakar sir par iska lap lagaye aisa karne se sir dard me rahat milti hai.
Daibities ki Problem
Daibities ki problem se pareshan hai to 10 Gm Aloe Vera ke rus me 10 gm karele ka rus milakar kuchh dino tak sevan karne se Daibities se mukti milti hai. 20 Gm aawle ke rus me 10 Gm Aloe Vera ke goode ko milakar subah sevan kare. Yah Shugar ki bimari ko door karta hai.
Energy Badhane Ke Liye
Aloe Vera sharir me urja ko badhata hai. Yadi aap rojana Aloe Vera ka juice peete hai to isase sharir me mineral aur Vitamins sharir ko milte hai jisase aapke body me furthi aayege. Aloe Vera Rus sharir ke rogo ko bhagata hai.
Daton aur Chhalo ke Liye
Dato me keede lag jaye ya aapke daant par peelapan hai to aap Aloe Vera juice peena start kar de. Aur yadi aapke muh me chhale ho rahe hai aur khoon nikal raha hai to aap Aloe Vera ke juice ka kulla kare.
Motapa
Aloe Vera Motapa kam karne me fayda karta hai. 10 Gm Aloe Vera ke rus me methi ke taje patto ko peeskar use milakar sevan kare ya 20 Gm Aloe Vera ke rus me 4 Gm. Giloya ka churn milakar 1 mahine tak sevan karne se motape se rahat milati hai.
Natural Conditioner
Yah ek tarah ka Natural conditioner hai. Aloe Vera ko balo par 20 minute tak ungaliyo ke jariye balo par lagate rahe. Aur thodi der me pani se balo ko dho le. Yah balo ko sundar, ghana aur aakarshak banata hai. Face ke jhurriyo ko door karne me aap Aloe Vera ka gooda kache doodh ke sath milakar chehre par male. Yah aapke chehre ke sare jhurriyo ko door kar dega.

ALOE VERA ANYA ROGO KO KARE DOOR

  • Aag se shair ka koi part jal jane par Aloe Vera ka gooda us jagah par lagaye, aapko jalan se rahat milegi aur ghaw bhi jaldi thik hoga.
  • Sardi, Zukaam ya khanshi hone par shahad me 5 Kg Aloe Vera ke taje rus me milakar sevan kare aapko fayda hoga. Sharir me calcium ki kami ho to Aloe Vera ke goode ka sevan jaroor kare.
  • Vavaseer me yadi blood jyada bahta hai to Aloe Vera ke patto ka sevan 20-20 gm ki matra me subah sham karte rahe. Vavaseer ke masse khatm karne ke liye Aloe Vera ke gude me neem ki pattiyo ko jalakar uska rakh mila le aur is paste ko maldwar par bandh le.
  • Khujli muhaso aur funsi hone par daily 10 se 15 gm Aloe Vera ka rus peena chahiye, yah khun ko shudh karta hai aur chehre se muhase ko bhi hata deta hai. Daad hone par 10 Gm anaar ke rus me 10 Gm Aloe Vera rus milakar daad wali jagah pa lagane se daad thik ho jate hai.
  • Pet ki bimariya ho to aap 25 gm Aloe Vera ke rus me shahad aur nimbu milakar uska sevan kare. Yah pet ki bimari ko door to karta hi hai sath hi sath pachan shakti ko bhi badhata hai.
  • Jo insaan Aloe Vera ka rus roj peeta hai wah kabhi bimar nhi padhta hai.
  • Aloe Vera khoon ko saaf karta hai jisase jodo ka dard thik hota hai.
  • yadi Eidiya fat gai ho to roj Aloe Vera jail se malish kare.
  • Skin me nami ko banaye rakhta hai Aloe Vera.
  • Alser air problem aur pitt etc ke problem door kar deti hai Aloe Vera ka juice.
Aloe Vera Koi simple plant nhi hai. Aloe Vera me hi chhipa hai kai bimariyo ka ilaaj. Aap bhi apne ghar aagan me lagaye Aloe Vera ka paudha aur itne bimariyo se bache.
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औषधीय उपयोग -

इस मुसब्बर [गूदे] में घी ,चीनी तथा दूध मिलकर हलुआ बनाया जाता है जिससे कमजोरी तो दूर होती ही है साथ ही यौन्शक्ति भी बढ़ती है। पेट में अल्सर होने पर इस गूदे को खाली पेट खाने से लाभ होता है। अगर खूनी दस्त हो रहा है तो गुदे में चीनी तथा जीरा मिलकर खा लें। पेट की बीमारियों या अपच के लिए इसे अजवाईन मिलकर खाएं। जोडों के दर्द में गूदे को गर्म करके प्रभावित स्थान पर लगाएं । ज़ख्म या घाव पर गुदे को क्रीम की तरह लगा लें। आँखें लाल हो गई ही तो गूदे की पट्टी बना कर आंखों पर बाँध लें। बाल झाड़ रहे हो तो गूदे को सोते समय सर पर मालिश कर लें। यह करने से अनिद्रा के रोगी को भी लाभ होता है। अगर सर्दी या खांसी हो गयी हो तो ग्वारपाठा के पत्ते को भून कर उसका जूस निकाल लें और आधा चम्मच जूस एक कप गर्म पानी में मिला कर पी जाएँ ,तुंरत लाभ मिलेगा । पेशाब संबन्धी रोगों को दूर करने के लिए एक सप्ताह तक रोज सुबह गूदे को खाएं।शरीर में कहीं सूजन हो गयी हो तो गूदे को पानी में उबाल कर इसकी पुल्टिस बाँध लें ।

एलोवेरा जूस बनाने की विधि और लाभ
सबसे पहले आप आवस्यकता अनुसार एलोवेरा की पत्तियां ले और उसे अच्छी तरह पानी से धो ले उसके बाद चाकू से उसके किनारे के कांटे वाले भाग काट कर निकाल दें अब पत्तियों को सुविधानुसार छोटे-छोटे पीस में बांट लें फिर पत्तियों के टुकडे लेकर उसके ऊपर का हरा वाला छिलका निकाल कर अलग कर दें
ध्यान रहे ऐसा करते समय पत्तियों के गूदे के ऊपर की पीले रंग की पर्त भी साथ में निकाल दें नहीं तो जूस में कड़वाहट रह जाएगी और आप उसका सेवन नहीं कर सकेंगे. 

एलोवेरा के सफेद भाग को अलग करने के बाद उसे मिक्सी में डालें और दो मिनट के लिए मिक्सी को चला दें इससे एलोवेरा की पत्तियों का जेल एलोवेरा जूस में बदल जाएगा
अब इसे गिलास में निकालें और इसमें उचित मात्रा में पानी और नमक मिला लें यदि आप चाहें, तो इसमें फलों का जूस भी मिला सकते हैं
ओरेज (संतरा ) जूस इसके स्वाद को टेस्टी बना देता है इससे एलोवेरा जूस स्वादिष्ट हो जाएगा और आपको पीने में दिक्कत नहीं होगी आइस क्यूब डालकर भी ले सकते है अगर आप डायट पर हैं तो इस एलोवेरा जूस को रोज पियें-
एलो वेरा जूस में काफी प्रोटीन, 10 तरह के विटामिन और 30 प्रकार के एंजाइम पाए जाते हैं –

 एलोवेरा जूस के फायदे

1- एलोवेरा का जूस पीने से त्वचा की खराबी, मुहांसे, रूखी त्वचा, धूप से झुलसी त्वचा, झुर्रियां, चेहरे के दाग धब्बों, आखों के काले घेरों को दूर किया जा सकता है-
2- एलोवेरा का जूस त्वचा की नमी को बनाए रखता है जिससे त्वचा स्वस्थ्य दिखती है। यह स्किन के कोलेजन और लचीलेपन को बढाकर स्किन को जवान और खूबसूरत बनाता है-
3- एलोवेरा का जूस ब्लड को प्यूरीफाई करता है साथ ही हीमोग्लोबिन की कमी को पूरा करता है-
4- एलोवेरा के जूस का नियमित रूप से सेवन करने से त्वचा भीतर से खूबसूरत बनती है और बढती उम्र से त्वचा पर होने वाले कुप्रभाव भी कम होते हैं-
5- एलोवेरा का जूस बवासीर, डायबिटीज, गर्भाशय के रोग व पेट के विकारों को दूर करता है-
6- शरीर में वहाईट ब्लड सेल्स की संख्या को बढाता है-
7- एलोवेरा का जूस पीने से मच्छर काटने पर फैलने वाले इन्फेक्शन को कम किया जा सकता है-
8- एलोवेरा का जूस मेहंदी में मिलाकर बालों में लगाने से बाल चमकदार व स्वस्थ होते हैं-
9- एलोवेरा के जूस का हर रोज सेवन करने से शरीर के जोडों के दर्द को कम किया जा सकता है-
10- नजले-खांसी में एलोवेरा का रस दवा का काम करता है. इसके पत्ते को भूनकर रस निकाल लें और आधा चम्मच जूस एक कप गर्म पानी के साथ लेने से नजले-खांसी में फायदा होता है-
11- जलने या चोट लगने पर एलोवेरा जेल या एलोवेरा को छिलकर लगाने से आराम मिलता है. जली हुई जगह पर एलोवेरा जेल लगाने से छाले भी नहीं निकलते और तीन-चार बार लगाने से जलन भी खत्म हो जाती है-
12- एलोवेरा गंजेपन को भी दूर करने की ताकत रखता है-
13- तेज धूप में निकलने से पहले एलोवेरा का रस अच्छी तरह त्वचा पर लगाने से त्वचा पर सनबर्न का कम असर पड़ता है-
14- एलोवेरा को सरसों के तेल में गर्म करके लगाने से जोड़ों के दर्द को कम किया जा सकता है-
15- सौंदर्य निखार के लिए हर्बल कॉस्मेटिक प्रोडक्ट जैसे एलोवेरा जैल, बॉडी लोशन, हेयर जैल, स्किन जैल, शैंपू, साबुन, फेशियल फोम आदि में प्रयोग किया जा रहा है.

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