Monday, September 26, 2016

सौंफ के गुण Sonf ke fayde

1. शायद ही कोई व्यक्ति हो जो ‘सौंफ’ से परिचित न हो। सौंफ को मसालों की रानी और पान की जान भी कहा जाता है। सौंफ का पौधा झाड़ के समान पतली-पतली कोमल पत्तियों वाला होता है। यह बहुत अधिक ऊंचा नहीं होता। इसके फूल पीले होते हैं। इस पौधे पर जो फल लगता है उसी को सौंफ कहते हैं। अंग्रेजी में इसे अनिसीड कहते हैं।


2. सौंफ के दाने छोटे और हरे होते हैं। आम तौर से सौंफ छोटी और बड़ी दो प्रकार की होती है। दोनों ही खूशबूदार होती है। सौंफ का उपयोग अचारों और सब्जियों को रूचिकर/खूशबूदार/जायकेदार बनाने के अतिरिक्त औषधि के रूप में भी बहुत अधिक होता है। आयुर्वेद के अनुसार सौंफ त्रिदोष नाशक है। बुद्धिवर्धक तथा रूचिवर्धक है।


3. सौंफ दृष्टिवर्धक, दीपन, पाचन, कफ निकालने वाली तथा पेट की अन्य शिकायतों को दूर करने वाली है। हालांकि सौंफ का उपयोग हर घर में होता है लेकिन इसके गुणों की तरफ कोई ध्यान नहीं देते। इस नन्हीं जान में ऐसे ऐसे गुण हैं जो अनेक रोगों का नाश कर सकती है। 

4. सौ ग्राम सांफ को तवे पर भून कर पीस लें, इसमें इतनी ही मात्रा में पिसी हुई मिश्री मिला लें। भोजन के बाद इसका दो चम्मच सुबह शाम ताजे पानी के साथ सेवन करने से पाचन शक्ति ठीक होती है।

5. सौंफ चूर्ण आधा चम्मच, पांच बड़ी इलाइची एक कप पानी में उबालें, आधा रहने पर छान लें और इसमें दूध मिलाकर उबालें। इस दूध का सेवन बच्चे/बड़े सभी कर सकते हैं। इससे पाचन शक्ति बढ़ती है और पेट को बहुत लाभ होता है।

6. पेट का भारीपन नींबू के रस में मिलाकर भींगी हुई सौंफ को भोजन के बाद खाने से पेट का भारीपन दूर होता है। सौंफ घी में भूनकर पीस लें, उसमें थोड़ी चीनी मिला दें। इस चूर्ण को सुबह शाम खाने से लूस मोशन्स ठीक हो जाते हैं।

7. तवे पर भूनी सौंफ दो-दो चम्मच दिन में एक से चार बार लें। भूनी सौंफ और कच्ची सौंफ समभाग चूर्ण बना दो-दो चम्मच दिन में चार बार मुट्ठे के साथ लेना लाभदायक है।

8. बच्चों को पानी में सौंफ उबालकर पिलाने से पतले दस्त आनी बंद हो जाती है। छोटे बच्चों को किसी भी रूप में सौंफ, सौंफ अर्क, सौंफ को उबालकर पानी देने से कोई हानि नहीं होती अपितु बच्चा स्वस्थ रहता है और उसकी कमजोरी दूर होती है। अफारा आदि में भी लाभ होता है।

9. स्त्रियों के लिए - जिन स्त्रियों को संतान न होती हो वह पांच-छः ग्राम सौंफ चूर्ण हींग के साथ सेवन करें तो 3-4 मास में गर्भधारण करने योग्य हो जाएंगी। - ऐसे ही सौंफ के चूर्ण को घी के साथ भी लिया जा सकता है। गर्भ धारण मं लाभ होगा।

10. सौंफ के चूर्ण को गुलकन्द के साथ लेने से भी गर्भपात की शिकायत दूर हो जाती है। जिन स्त्रियों को स्तनों में दूध कम बनता हो उन्हें सौंफ, सफेद जीरा, मिश्री समभाग चूर्ण बना कर एक-एक चम्मच पानी के साथ या दूध के साथ लेने से लाभ होता है।

11.अनिद्रा रोग कुछ लोगों को कई कारणों से नींद नहीं आती। ऐसी स्थिति में सौंफ का काढ़ा बनाकर दूध-शहद मिलाकर पीने से नींद आने लगती है। रात्रि को खाने के बाद और सोने से पहले सौंफ की चाय पीने से खाना भी हजम होता है और नींद अच्छी आती है।

12. मुख के छाले सौ ग्राम पानी में 40 ग्राम सौंफ उबालें, जब पानी आधा रह जाए तब उसमें भूनी हुई फिटकरी की छोटी सी डली डालें। इस पानी से दिन में दो तीन बार गरारे करने से मुख के छाले ठीक हो जाते हैं।

13. मुख की दुर्गन्ध भोजन करने के पश्चात थोड़ी सी सौंफ खाने से मुख की दुर्गंध समाप्त हो जाती है। बहरापन सौ ग्राम सौंफ एक लीटर पानी में डालकर उबालें। जब पानी दसवां भाग रह जाए तो उतार कर छान लें। इस पानी में सौ ग्राम गाय का शुद्ध घी तथा दो सौ ग्राम गाय का ही दूध मिलाकर गर्म-गर्म दोनों समय सेवन करने से बहरेपन में राहत मिलती है।

14. नेत्र रोशनी आंखों की कमजोरी में बीस ग्राम सौंफ को बारीक पीसकर उसके बराबर मिश्री या खांड मिलाकर रात को गाय के दूध के साथ सेवन करने से आंखों की रोशनी में वृद्धि होती है। धरन दो चम्मच सौंफ पीसकर गुड़ में मिलाकर एक सप्ताह तक सेवन करने से ‘धरन’ पड़ना बंद हो जाता है।

15. स्मरण शक्ति सौंफ को हल्का-हल्का कूटकर ऊपर के छिलके उतारकर छान लें, उसके भीतर की भींगी निकालकर एक चम्मच सुबह सेवन करें और शाम को दो बार ठंडे पानी या गर्म दूध के साथ फांकी लें। इसके सेवन से स्मरण शक्ति बढ़ती है और मस्तिष्क के रोग नहीं होते।

16. हाथ-पांव की जलन सौंफ और धनिया समभाग मिला चूर्ण बना लें। भोजन के पश्चात एक चम्मच चूर्ण पानी के साथ लेने से लाभ होगा। खांसी-जुकाम, गले की खराश के लिए एक चम्मच सौंफ को मुंह में रखकर धीरे-धीरे चूसते रहने से गले की खराश में आराम मिलता है।

17. सौंफ के अर्क में गुलबनक्शे का शर्बत मिलाकर पीने से एसिडिटी का शमन होता है और समाप्त हुई भूख जागृत होती है।

18. बुखार, लू लगना, चक्कर आना, पेट जलन, आदि व्याधियों से बचने के लिए ठंडाई पीने से आराम होता है। ठंडाई में बनाने के लिए तीन चम्मच सौंफ, चार बादाम, सफेद चंदन का चूरा एक छोटा चम्मच, थोड़ी सी खस-खस के दाने, दो छोटी इलायची, चार पांच काली मिर्च व सूखे गुलाब की पत्तियां, सबको पानी में भींगो दें। भींग जाने पर सारी चीजों को बारीक पीसकर छान लें और चीनी मिला लें यही ठंडाई है।


Saturday, September 24, 2016

दालचीनी और शहद के बेहतरीन फायदे

आपने घर के मसालों की रानी, दालचीनी का उपयोग तो कई बार किया होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि‍ यह आपकी हर बीमारी का इलाज करने में सक्षम है। और जब दालचीनी के साथ का भी मेल हो जाए, फिर तो यह समझो सोने पर सुहागे वाली बात हो गई। अगर आप अब तक इसके गुणों से अनजान हैं, तो जरूर पढ़े के यह फायदे - 


- दालचीनी का प्रयोग कैंसर जैसे रोग पर नियंत्रण पाने में सक्षम है। वैज्ञानिकों ने अमाशय के कैंसर और हड्डी के बढ़ जाने की स्थति‍ में दालचीनी और शहद को लाभदायक बताया है। एक माह तक गरम पानी में दालचीनी पाउडर और शहद का सेवन इसके लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है, जिससे शरीर बीमारियों से लड़ सके।

- हृदय को स्वस्थ बनाए रखने और हृदय रोगों पर नियंत्रण रखने में दालचीनी सहायक होती है, क्योंकि यह हृदय की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल को जमने से रोकती है। प्रतिदिन और दालचीनी का गर्म पानी के साथ सेवन करें।
आप के मिश्रण को रोटी के साथ भी खा सकते हैं। इसके अलावा दालचीनी को चाय में डालकर भी ले सकते हैं। इसके प्रयोग से हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है।

मोटापा - मोटापे के लिए दालचीनी का सेवन एक रामबाण उपाय है। यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम करती है, जिससे मोटापा नहीं बढ़ता। इसके लिए दालचीनी की चाय बहुत फायदेमंद है।
एक चम्मच दालचीनी पाउडर को एक गिलास जल में उबालकर आंच से उतार लें। इसके बाद उसमें दो बड़े चम्मच मिलाकर सुबह नाश्ता करने से आधा घंटा पहले पिएं। रात को सोने से पहले भी इसका सेवन करना दुगुना फायदेमंद होता है, और अतिरिक्त चर्बी धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है।

जोड़ों में दर्द होने पर दालचीनी का प्रयोग आपको राहत देता है। इसके लिए प्रतिदिन दालचीनी का गर्म पानी में सेवन तो लाभप्रद है ही, इसके अलावा इस हल्के गर्म पानी की दर्द वाले स्थान पर मालिश करने से भी जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है।
इसके पानी को पीने एक सप्ताह में संधिवात के दर्द से निजात मिलती है और एक महीने तक इका सेवन करने से चलने फिरने में असमर्थ लोग भी चलने में सक्षम हो जाते हैं। आर्थाइटिस के दर्द में भी दालचीनी काफी फायदेमंद साबित होती है।

सर्दी-खांसी -  सर्दी, खांसी या गले की तकलीफों में दालचीनी बेहद असरकार‍क दवा के रूप में काम करती है। इसे पीसकर एक चम्मच के साथ एक चुटकी मात्रा में खाने से जुकाम में लाभ मिलता है। आप गर्म या गुनगुने पानी में दालचीनी के पाउडर को शहद के साथ मिलाकर पी सकते हैं। दालचीनी के पाउडर को पिसी हुई काली मिर्च के साथ सेवन करने से भी राहत मिलती है। इससे पुराने कफ में भी राहत मिलेगी।

अपच, गैस, पेट दर्द और एसिडिटी जैसी समस्यों में भी दालचीनी का पाउडर लेने से आराम मिलता है। इससे उल्टी-दस्त की समस्या में भी लाभ होता है, और भोजन का पाचन भी बेहतर होता है। शहद और दालचीनी के पावडर का मिश्रण लेने से पेट का अल्सर जड़ से ठीक हो जाता है।  

- ठंडी हवा लगने या सर्दी के कारण होने वाले सिरदर्द में दालचीनी का लेप करना फायदेमंद होता है। गर्मी के कारण होने वाले सिरदर्द में दलचीनी और तेजपत्ते को मिश्री के साथ चावल के पानी में पीसकर सूंघने से सिरदर्द दूर हो जाता है। इसके अलावा दालचीनी के तेल कुछ बूंदें, तिल के तेल में मिलाकर सिर पर मालिश करने से भी सिरदर्द ठीक हो जाती है।
 दालचीनी को पानी में रगड़कर कनपटी पर गर्म लेप करने से भी आराम मिलता है। नियमित रूप से और दालचीनी का सेवन करने से तनाव से राहत मिलती है, साथ ही स्मरणशक्ति भी बढ़ती है।

त्वचा और बालों के सौंदर्य में भी दालचीनी पीछे नहीं है। यह त्वचा को निखारने के साथ ही झुर्रियों को भी कम करती है। दालचीनी पाउडर में नीबू के रस में मिलाकर लगाने से मुंहासे व ब्लैकहैड्स दूर होते हैं। एक नीबू के रस में दो बड़े चम्मच जैतून का तेल, एक कप चीनी, आधा कप दूध, दो चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर पांच मिनट के लिए शरीर पर लगाएं। इसके बाद नहा लें, त्वचा खिल उठेगी।
और दालचीनी के पेस्ट को रात को सोते वक्त चेहरे पर लगाएं और सुबह गरम जल से धो लें, इससे चेहरा कांतिमय हो जाता है। गंजेपन या बालों के गिरने की समस्या के लिए गरम जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर का पेस्ट बनाकर इसे सिर में लगाए और पंद्रह मिनट बाद धो लें।

दालचीनी के तेल का प्रयोग दर्द, घाव और सूजन को समाप्त करने के लिए किया जाता है। यह त्वचा की खुजली को भी समाप्त करने के साथ, दांतों के दर्द में भी राहत देती है। मुंह से बदबू आने की समस्या में दालचीनी को मुंह में रखकर चूसना बहुत लाभदायक होता है।

 के मिश्रण का सेवन कान के रोगों को भी दूर करता है, और बहरेपन की समस्या को भी समाप्त करता है। दालचीनी के तेल की कुछ बूंदें कान में डालने से लाभ मिलता है। अस्थमा और लकवा लगने पर भी यह बेहद फायदेमंद होता है। 
 
        

Wednesday, September 21, 2016

सेब के गुण

सेबफल को सीधे ही खाया जा सकता है या फ्रूट सलाद का हिस्सा भी बनाया जा सकता है। इसे नियमित तौर पर अपनाने के अनगिनत फायदे हैं। इसे अपनी डाइट का हिस्सा बनाने के लिए आप एक और तरीका अपना सकते हैं और वह तरीका है इसे ज्यूस के रुप में इस्तेमाल करके। सेब को सबसे स्वास्थ्यवर्धक और विभिन्नताओं से भरा हुआ फल समझा जाता है। इसके ज्यूस को सारी दुनिया में काफी मात्रा में उपयोग किया जाता है। यह बड़े पैमाने पर पंसद किया जाता है। यह बाजार में रेडीमेड भी उपलब्ध है परंतु घर पर बने ज्यूस के तौर पर इसे इस्तेमाल करना का सबसे अधिक फायदेमंद है।




  • सेबफल में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है। इसमें पाए जाने वाले पॉलीफेनोल और फ्लेवोनोइड्स दिल के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा, यह आपके शरीर के लिए आवश्यक मिनेरल्स, और पोटेशियम तत्वों का बेहतरीन स्त्रोत है। दिन में एक बार सेबफल के ज्यूस को लेने से ह्रदय के लिए सुचारु रुप से काम करना आसान हो जाता है।
  • के ज्यूस से दमा रोगियों को अत्यधिक लाभ मिलता है। इससे में दमे के अटैक को रोकने की क्षमता होती है। इसमें होने वाला फ्लेवोनोइड्स फेफड़ों को ताकतवर बनाता है। शोध से यह साबित हो चुका है के जो लोग नियमित रुप से सेबफल के ज्यूस का सेवन करते हैं उन्हें फेफड़ों संबंधी बीमारियां होने की संभावना काफी कम हो जाती है।
  • सेबफल में मौजूद अल्कालिनिटी लीवर को शरीर के शोधन में मदद करता है। सेबफल में शरीर के ph स्तर को नियंत्रित करने का गुण होता है। इसकी बाहरी परत में मौजूद पेक्टिन से पाचन तंत्र दुरुस्त होता है।
  • इसका कॉलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने का अनूठा गुण होता है। आधुनिक लाइफस्टाइल में बढ़े हुए कॉलेस्ट्रोल की समस्या बड़े व्यापक पैमाने पर फैल चुकी है और यह ह्रदय संबंधी रोगों का मुख्य कारण है। इस प्रकार का ज्यूस अपनाकर आप अपने ह्रदय को सुरक्षित रखने का एक आसान रास्ता अपना सकते हैं। 
  • आपको जानकर आश्चर्य होगा की सेबफल अनोखा ऐसा फल है जिसमें ट्यूमर और कैंसर जैसे भयानक रोगों से लड़ने की क्षमता होती है। सेबफल को फेफड़ों में होने वाले कैंसर से लड़ने में बहुत कारगर समझा जाता है। इसमें पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड्स और फ़ेनोलिक एसिड्स से ट्यूमर शरीर को बचाए रखने का गुण होता है।
  • इसमें मौजूद विटामिन C से इम्यून सिस्टम भी सुधरता है। के नियमित इस्तेमाल से शरीर में बैक्टेरिया और जर्म्स से लड़ने की क्षमता भी बढ़ जाती है। 
  • सेबफल में विटामिन C संतुलित मात्रा में होता है साथ ही साथ इसमें आयरन और बॉरोन भी पाया जाता है। इन सभी के क़ॉम्बीनेशन से हड्डियों में ताकत आती है।
  • सेबफल में भरपूर मात्रा में विटामिन A होता है जिससे आंखों की रोशनी बढ़ती है साथ ही  आंखों में होने वाली अन्य समस्याओं से छुटकारा मिलता है। 
  • सेबफल में बाल और त्वचा को लाभ पहुंचाने के गुण काफी मात्रा में होते हैं। यह शरीर पर उम्र के असर को छुपाने में अत्यधिक कारगर होता है। सेबफल के ज्यूस को सिर की त्वचा पर लगाकर रखने से रुसी से निजात मिलती है।
  • पाचन तंत्र को सुधारने का गुण आश्चर्यजनक गुण होता है। पाचन में गडबड़ी पैदा होती है जब बड़ी आंत जरूरत से ज्यादा पानी को सोख लेती है।में सोर्बिटॉल होता है जिसमें इस समस्या का हल छुपा होता है। यह तत्व बडी आंत से पानी लेकर मल निकास को आसान बनाता है।

Monday, September 12, 2016

काली मिर्च (Black Pepper for Health)

Doston aaj hum baat kar rahen hen Kali Mirch ki yeh सिर्फ हमारे भोजन को ही स्वादिष्ट बनाती बल्कि हमारे स्वास्थ्य को भी ठीक रखती है। काली मिर्च, लाल मिर्च के मुक़ाबले कम तीखी लेकिन अधिक गुणकारी होती है। काली मिर्च में पिपरीन, आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज, जिंक, क्रोमियम, विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन डी, ऐसे एंटी ऑक्‍सीडेंट तथा अन्य पोषक तत्‍व पाए जाते हैं, जो पेट दर्द, बदहजमी अरुचि (भूख न लगना), बुखार, दांत दर्द, मसूड़ों की सूजन, आंखों से जुड़ी समस्या आदि रोगों में लाभकारी सिद्ध होते हैं।

Benefits: Aiye Jante hen Kali Mirch ke kya kya Fayde hen


कैंसर (Cancer):- काली मिर्च कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाता है। इसमें विटामिन सी, विटामिन के, फ्लैवोनॉयड्स कारोटेन्स व अन्य एंटी-ऑक्सीडेंट के गुण होते हैं, जो कैंसर और विशेषकर स्तन कैंसर जैसी समस्याओं से सुरक्षित रखता है।

अपच और दस्त (Indigestion and Diarrhea):- अपच, दस्त, कब्ज आदि को दूर करने के लिए काली मिर्च श्रेष्ठ औषधि है। काली मिर्च के सेवन से हाइड्रोक्लोरिक एसिड संतुलित रहता है। यह एसिड पेट की पाचन क्रिया स्वस्थ रखता है, जिससे भोजन सामग्री को पचाने में सहायता मिलती है।

वजन कम करना (Lose Weight):- काली मिर्च का नियमित रूप से सेवन करने पर वजन कम किया जा सकता है। इसमें फाइटोन्यूट्रीसियंस होता है, जो वसा (Fat) की परत को काटने में मदद करता है और शरीर में ज्यादा वसा जमा होने से रोकता है।

पेट में गैस (Gastric problem):- काली मिर्च में वातहर गुण होता है, जो पेट में गैस जैसी समस्या को दूर रखता है। इसके अलावा काली मिर्च का सेवन, पेट फूलना या पेट दर्द जैसी परेशानी में भी लाभदायक होता है।

गला बैठना (Sore Throat):- काली मिर्च के चूर्ण को घी और मिश्री में मिलाकर सेवन करने से बंद गला या गले में खराश जैसी परेशानी दूर हो जाती हैं। काली मिर्च के 8 या 10 दानों को पानी में उबालें और उबले हुए पानी से गरारे करें, ऐसा करने से गले का संक्रमण या गले के इन्फेक्शन में आराम मिलता है।

त्वचा रोग (Skin Disease):- काली मिर्च के चूर्ण को घी में मिलकर लेप तैयार करें। इस लेप को शरीर के दाद- फोड़ा, फुंसी, चकत्ते के निशान पर लगाएं। ऐसा करने से दाद- फोड़ा, फुंसी, चकत्ते आदि त्वचा रोगों में लाभ होता है।

खांसी- जुकाम (Common Cold):- काली मिर्च को दूध में गरम करने पीने से जुकाम दूर होता है। काली मिर्च के एक बीज से शुरू करके रोज एक बढ़ाते हुए पंद्रह तक और पंद्रह दिन बाद एक कम करते हुए सेवन करें। ऐसा करने से जुकाम- खांसी एक महीने में खत्म हो जाएगी। या फिर काली मिर्च चूर्ण और शहद को समान मात्रा में मिलाकर दिन में 3 से 4 बार खाएं।

पेट में कीड़े (Stomach worms):- पेट में कीड़े की समस्या से परेशानी होने पर काली मिर्च और किशमिश 2 से 3 बार चबाकर खाएं। इसके अलावा छाछ में काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर पीने से भी पेट के कीड़े मर जाते हैं।

दांतों की समस्या (Dental problem):- यदि दांतों से जुड़ी समस्या जैसे पायरिया, कमजोर दांत आदि से परेशान हैं, तो काली मिर्च के चूर्ण को नमक में मिलाकर मंजन करें या दांतों पर लगाएं। ऐसा करने से दांतों से जुड़ी समस्या दूर हो जाती है।

गठिया (Gout):- गठिया के रोग में भी काली मिर्च बहुत लाभदायक साबित होती है। काली मिर्च को तिल के तेल में गर्म करके मांसपेशियों की मालिश करने से गठिया रोग में आराम मिलता है और मांसपेशियां मजबूत होती हैं।

आंखों की समस्या (Eye Problem):- काली मिर्च का इस्तेमाल आंखों की शक्ति बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। काली मिर्च के चूर्ण को देशी घी में मिला कर सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और साथ ही आंखों के कई रोगों से भी छुटकारा मिलता है।

Side Effects of Black Pepper


पेट में जलन (Burning Sensation In Stomach):- वैसे तो काली मिर्च कई तरह से लाभदायक होती है, लेकिन इसके अत्यधिक इस्तेमाल यानी करने से पेट में जलन की शिकायत हो सकती है।

मौत का कारण (Cause of Death):- यदि काली मिर्च को सीधे तौर पर खाया जाए और फेफड़ों में फंस जाए तो यह मृत्यु का कारण हो सकती है खासतौर पर बच्चों में। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि काली मिर्च का सेवन खाने में ही करें।


गर्भावस्था में कठिनाई (Difficulties During Pregnancy):- काली मिर्च सभी मसलों में सबसे ज्यादा संवेदनशील है, इसलिए इसका इस्तेमाल या सेवन थोड़ी- थोड़ी मात्रा में कानी चाहिए। गर्भावस्था में काली मिर्च का अत्यधिक सेवन करने से प्रसव के दौरान समस्या या फिर गर्भपात जैसी समायाएं हो सकती हैं।

Totke

Aloo ke Fawaid

  • Aankhon ka warm door karne ke liye aloo ke chile huye tukre aankhon par rakhne se buhat sakoon milta hai.
  • Chips katne ke baad in ko namak aur sirkah mile pani mein dubo dein. Jab talne ho to pani nichor kar tal lein. Chips do bar talne se ziadah khastah aur karare bante hain.
  • Bhap se jism ka koi hissah jal jaye to is par kacha aalo ragarein. Aablah nahi pare ga.
  • Baaz awqat salan mein aloo bilkul gal jate hain aur bikharne lagte hain. Aalo cheel kar kaat kar namak laga kar 10 minute baad woh ghulein gey nahi.
  • Aloo dunya mein sab se ziadah khayi jane wali sabzi hai. Bache burhe sabhi shoq se khate hain. Khas tor par chips ki surat mein to be had maqbool hain.
  • Jis pani mein aloo boil kiye jate hon, is pani se chandi ke bartan dhoyain to saaf ho jate hain.


Jild ki Hasasyat Test Karein
Koi bhi khezaab istemaal karne se pehle apni jild ko test zaroor kar lena chahiye keh kahin is ka koi ghalat radde-amal na ho jaye khezaab thora sa le kar apni kehni ke andar ki taraf laga kar 24 hours tak laga rehne dein aur agar koi radde-amal ho to phir mutalqah khezaab ki bajaye koi doosra lagayain.

Dabal Ruti ka Chura
Dabal roti ka chura hum kayi cheezon mein istemaal karte hain. Jab kabhi chora banayain to is ko mote chore ko alihdah lifafon mein daal kar rakh lein. Jis ki zarurat ho istemaal karein.

Brown Sugar aur Khusk Mewa
Dono ko aik hi dabbe mein rakhein. Is ka faida yeh hoga keh chini narm reh gi jabkeh dry fruit aur brown sugar cake banane ke liye hawa band dabbe mein rakhain. Is tarah cake ziadah khusbu dar bane ga.

Chawalon ko Kire se Bachane ka Tarika
Chawalon mein pisa hua namak mila dein to inhain kira nahi lage ga. 40 kg chawalon ke liye aik kilo namak kafi hai.

Dant ka Dard ka Totka Urdu

Agar dant mein dard ho to chand methi danon ko 2 glass pani ke sath ubaal lein. Is neem garam pani se kulliyan karein dant ka dard foran khatam ho jaye ga.
Hari Mirch ki Jalan
Hari mirch katne ke baad hath jalne lgte hain. Agar aap is se bachna chahte hain to hari mirchein katne se pehle zara si chiknai hathon par laga lein is tarah se aap hathon ki jalan se mehfooz rahein gay.
Gosht ko Mehfooz Karna
Agar fridge ke beghair gosht ko chand ghanton tk mehfooz rakhna hai to is ke liye gosht ke uper aate ki bhusi laga dein. Aik malmal ka kpra sirke mein bhigoyein aur phir nichor kar ise gosht par lapet dein. Is tarah se gosht kayi ghanton tk kharab nahi hongay.

Sunday, September 11, 2016

मूंगफली के 10 बड़े फायदे

मूंगफली सेहत का खजाना है। साथ ही, यह वनस्पतिक प्रोटीन का एक सस्ता स्रोत भी हैं। रोज मूंगफली खाने के कई ऐसे फायदे होते हैं, जो खाने वालों को भी नहीं पता होते हैं।  यह आयरन, नियासिन, फोलेट, कैल्शियम और जिंक का अच्छा स्रोत हैं। थोड़े से मूंगफली के दानों में 426 कैलोरीज, 5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 17 ग्राम प्रोटीन और 35 ग्राम वसा होती है। इसमें विटामिन ई, के और बी6 भी भरपूर मात्रा में पाए जाते है। इसलिए यदि आप ऊपर लिखे पोषण के साथ ही आगे लिखे फायदे भी पाना चाहते हैं तो रोजाना लाल छिलके वाले कम से कम 20 मूंगफली के दाने खाएं….



  • मूंगफली में तेल का अंश होने से यह पेट की बीमारियों को खत्म करती है। इसके नियमित सेवन से कब्ज की समस्या नहीं होती है। साथ ही, गैस व एसिडिटी की समस्या से भी राहत मिलती है।
  • मूंगफली गीली खांसी में भी उपयोगी है। इसके नियमित सेवन से आमाशय और फेफड़ों को मजबूती मिलती है। पाचन शक्ति को बढ़ाती है और भूख न लगने की समस्या भी दूर होती है।
  • मूंगफली का नियमित सेवन गर्भवती स्त्री के लिए भी बहुत अच्छा होता है। यह गर्भावस्था में शिशु के विकास में मदद करती है।
  • मूंगफली में ओमेगा-6 फैट भी भरपूर मात्रा में मिलता है, जो स्वस्थ कोशिकाओं और अच्छी त्वचा के लिए जिम्मेदार है। इसलिए मूंगफली स्किन के लिए बेहद फायदेमंद होती है।
  • मूंगफली कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाती है। एक शोध से यह भी पता चला है कि सप्ताह में पांच दिन मूंगफली के कुछ दाने खाने से दिल की बीमारियां होने का खतरा कम रहता है।
  • खाने के बाद यदि 50 या 100 ग्राम मूंगफली रोजाना खाई जाए तो सेहत बनती है, भोजन पचता है, शरीर में खून की कमी नहीं होती है।
  • इसे खाने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है। कोलेस्ट्रॉल की मात्रा में 5.1 फीसदी की कमी आती है। इसके अलावा कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल (एलडीएलसी) की मात्रा भी 7.4 फीसदी घटती है।
  • प्रोटीन, लाभदायक वसा, फाइबर, खनिज, विटामिन और एंटीआक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए इसके सेवन से स्किन उम्र भर जवां दिखाई देती है।
  • इसमें कैल्शियम और विटामिन डी अधिक मात्रा में होता है, इसलिए इसे खाने से हड्डिया मजबूत हो जाती है।
  • माना जाता है कि रोजाना थोड़ी मात्रा में मूंगफली खाने से महिलाओं और पुरुषों में हार्मोन्स का संतुलन बना रहता है।

Sunday, September 4, 2016

Totke

Tinde Ke Faide

Garmiyon mein baaz logon ko hath payon jalne, pishab ki kami aur jalan ki shikayat hoti hai. Tinde khane se yeh takseef door ho jati hai. Khushk khansi ki shikayat ho to is ki bhujya ya salan ke kasrat istemaal takleef door ho jati hai. Kiun keh tinde halaq ki naali ko tar karte hain.

Band Gobhi ke Faide

Kachi gobhi khana buhat mufeed hai. Sugar ke mareezon ke liye mufeed tar hai. Salad ke tor par khane ke liye ise isi waqt katna chahiye jab khane ka waqt ho kiun keh is mein shamil vitamin C hawa mein tahleel ho jata hai. Is ko dho kar kantna chahiye kiun keh kaat kar dhoyain to tamam vitamins pani ke sath bah jate hain. Band gobhi khane se khoon ki kharabi se jo amraaz hote hain. Woh dur ho jate hain.

Hath Paon ki Jalan ka Ilaj

Kisi bimaari ki wajah se jism mein chingariyan si nikalti mahsoos hoti hon. Hath payon jalte hon to khushk dhanya pees kar misri mila kar khayain. Ya sabzi dhanya ghot kar misri mila kar piyain. Jism ki sari garmi ka asar zail ho jaye ga.

Sheesha Saaf Karne ka Tarika

Khirkiyon ke shishe ho ya furniture par lage huye, saaf shafaf ache lagte hain. Shishe par aam kapre dhone wala nil pani mein ghol kar lagayain aur phir khushk kapre dhone wala nil ki yeh paste khushk ho jaye to saaf aur narm kapre se ponch lein aur kapre ko hi ragarein. Shisha chamakdar aur shafaf ho jaye ga.

Munh se Mooli ki Bu

Mooli bhi salad ka lazmi juz hain. Kachi khayain ya paka kar donon tarah mufeed hoti hain. Magar yeh khud hazam nahi hoti ya phir buhat der mein hazam hoti hai. Is liye mooli khane ke baad thora sa gur(brown sugar) kha lia jaye is se muli hazam ho jati hai aur dekarein nahi aatein ya phir matar(pea) ke chand dane chiba leye jayain to bhi dikarein nahi aatein.

Tel ko Machli ki Bu se Bachayein

Jis tel mein machli tali jaye woh dobarah istemaal ke qabil nahi rehta. Agar machli tlte waqt chand dane ajwain ke daal diye jayein to tel mein machli ki bu nahi aati aur tel ko dobarah istemaal kia ja skta hai.

Kadhi Ghari Karne ka Tarika

Agar kadhi mein aik ya do bar ubal aane ke baad namak daala jaye to kadhi khoob garhi hoti hai.

Daal Galane ka Tarika

Agar dalon ko jaldi galana mqsood ho to har qisam ki daal neem garam pani se dhoyein aur pakane ke liye lkri ka chamcha istemaal karein. Is se daal jldi gal jati hai aur rung bhi acha aata hai.

Nariyal Tel Ke Fayde

 नारियल के तेल के दैनिक उपयोग से आपको बहोत से स्वास्थ लाभ भी हो सकते है. नारियल के तेल में चर्बीदार एसिड का बेहतरीन मिलाप होता है और नारियल के तेल में बहोत से प्राकृतिक और औषधीय गुण भी होते है. नारियल के तेल में आपके शरीर को बहोत से विटामिन्स भी मिलते है. इसीलिए नारियल के तेल को प्राकृतिक तेल भी कहा जाता है. नारियल में ज्यादा मात्रा में लोरिक एसिड होता है जो आपको विविध संक्रमणों से लड़ने में सहायक होता है. 

  • ठंडे नारियल के तेल का उपयोग हम शिशुओ के मसाज करने के तेल के रूप में भी कर सकते है.
  • नारियल के तेल को दलिया में मिलाकर आप उसे जेंटली फेसिअल स्क्रब की तरह उपयोग कर सकते हो.
  • नारियल के तेल को नहाने के पानी में मिलाने से आपका शरीर नम्र होगा.
  • सभी तरह के त्वचा प्रकार के लिये नारियल का तेल सर्वोत्तम नमी प्रदायक क्रीम की तरह काम करता है, खास तौर से रुखी त्वचा के लिये नारियल का तेल किसी अमृत के समान ही होता है. आपकी रुखी त्वचा को मुलायम बनाने में नारियल का तेल सहायक होता है. नहाने के 20 मिनट पहले नारियल के तेल को अपने शरीर पर लगाये और बाद में इसे हरे चने के आटे की सहायता से धो ले. कभी भी शरीर पर ज्यादा से ज्यादा साबुन का उपयोग न करे क्योकि साबुन से शरीर की नमी कम होती है.
  • नारियल का तेल रुखी त्वचा और घमोरियो में भी सहायक होता है. यह आपके शरीर की घमोरियो को भी दूर करेगा.
  • नारियल के तेल का उपयोग आप केवल एक नमी प्रदायक क्रीम की तरह ही नही बल्कि लोशन की तरह भी उपयोग कर सकते हो.नारियल के तेल के दैनिक उपयोग से आप अपनी आँखों की समस्या को भी दूर कर सकते हो.
  • नारियल के तेल में अद्भुत प्राकृतिक शक्तिया होती है, नारियल का तेल आपके बालो की समस्या को भी दूर कर सकता है आप उसे सिर की खाल पर लगा सकते हो. लगाने के बाद 30 मिनटों तक उसे लगा रहने दे और फिर शैम्पू की सहायता से अपने सिर को धो ले.
  • नरियल के ठंडे तेल की कुछ बूंदों को रोज़ आप अपने सर में भी डाल सकते हो और उपयोग कर सकते हो.
  • नारियल के तेल से आप अपने उंगलियों की मसाज भी करा सकते हो. जिसे आपका रक्त प्रहार भी सही होगा और आपके स्वास्थ पर भी कोई प्रभाव नही पड़ेगा.
  • नारियल का तेल आपके होठो को सबसे आकर्षित भी बना सकता है, आप अपने रूखे-सूखे होठो पर नारियल तेल को लगा सकती हो.
  • नारियल के तेल को आप मेकअप रिमूवर की तरह भी उपयोग कर सकते है. इससे आप अपने चेहरे या आँखों पर लगे मेकअप को आसानी से उतार सकते हो.
  • नारियल के तेल का दैनिक उपयोग करने से आप रोज़ विविध खतरनाक बीमारियों से बच सकते हो.
  • नारियल के तेल से आप अपनी एडियो को फटने से भी बचा सकते हो. नारियल का तेल आपके पैरो को मुलायम रखेगा.
  • नारियल के तेल की सहायता से आप रोज़ अपने सिर की मालिश कर सकते हो इससे आपको डेड्रफ की परेशानी से भी छुटकारा मिल जायेगा.
  • यदि आपको तेज़ आंच पर खाना बनाना हो तो भी आप नारियल के तेल का उपयोग कर सकते हो.
  • नारियल का तेल वाटरप्रूफ मस्करा हटाने में असरदार है. कॉटन बॉल पर थोडा सा नारियल तेल ले और उससे अपनी आँखों पर लगा मेकअप साफ़ करे. इससे आई लाइनर या काजल बिना फैले ही साफ़ हो जायेगा. मेकअप साफ़ करने के बाद चेहरे को धो ले. एक रिसर्च में यह पता चला की नारियल का तेल शरीर में लगाने से त्वचा कभी रुखी नहीं रहती और उसकी नमी हमेशा बरक़रार रहती है. यह एक अच्छे लोशन का काम कर सकता है. यह त्वचा स्मूथ और नाम बनाता है तथा इसकी महक भी काफी अच्छी होती है. और भी बहोत से फायदों के लिये आप नारियल के तेल का उपयोग कर सकते है.

Saturday, September 3, 2016

उड़द की दाल (Urad Dal)

उड़द की दाल (Urad Dal)
उड़द की दाल को दालों की महारानी कहा जाता हैं. क्योंकि यह अन्य दालों की तुलना में बहुत ही लाभकारी और पौष्टिक होती हैं. इसके साथ ही इसमें विटामिन, खनिज लवणों की मात्रा खूब पाई जाती हैं. लेकिन इसमें कोलेस्ट्रोल की मात्रा निम्न पाई जाती हैं. जिससेशरीर का मोटापा बढ़ने का भय नहीं रहता. उड़द की दाल तीन प्रकार की होती हैं.

1.       छिलके वाली उड़द की दाल

2.धुली हुई छिलके की दाल

3.काली उड़द की दाल ... 
Poushtikta se Bharpur Urad ki Daal ke Fayde

उड़द की इन तीनों ही प्रकार की अपनी अलग – अलग खासियत होती हैं. जैसे – धुली हुई उड़द की दाल के बारे में कहा जाता हैं कि धुली हुई दाल से पेट में अफारा उठने की समस्या हो सकती हैं. लेकिन छिलके वाली दाल का सेवन करने से ऐसी समस्या नहीं होती.छिलके वाली दाल को गर्म मसालों के साथ खाना फायदेमंद होता हैं.

1.पाचन शक्ति (Digestive Power) - पाचन शक्ति बढाने के लिए उड़द की छिलके वाली दाल लाभदायक होती हैं. यदि आप हफ्ते में तीन उड़द की दाल का सेवन करते हैं तो इससे आपके शरीर की पाचन शक्ति दुरुस्त होगी.यदि आपका इसका स्वाद बढ़ाना कहते हैं तो आप इसमें निम्बू के रस को निचोड़ कर भी खा सकते हैं.

4.दुर्बलता (Weakness) - यदि किसी व्यक्ति को शारीरिक रूप से कमजोरी महसूस होती हैं. तो वह शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए सर्दी के दिनों में उड़द की दाल का हलवा खा सकता हैं. दुर्बलता की परेशानी से निजात पाने के लिए आप उड़द की दाल के लड्डू भी बना कर खा सकते हैं. उड़द की दाल के लड्डू बनाना बहुत ही आसान होता हैं. लड्डू बनाने के लिए एक दिन पहले रात को सोते समय उड़द की धुली हुई दाल को पानी में भिगो दें. इसके बाद भीगी हुई दाल को पानी में से निकाल कर महीन पीस लें. इसके बाद इस पेस्ट को घी में हल्का सा भुन लें. इसमें अपनी इच्छानुसारशक्कर डालें.  जब पीसी हुई दाल अच्छी तरह से पीस जाएँ, तो इसमें सभी प्रकार के मेवे मिलाकर लड्डू तैयार कर लें. 


5.   तत्व (Element) – उड़द की दालों में ढेरों पौषक तत्व पाए जाते हैं. जैसे – इसमें कैल्शियम, पोटेशियम, लौह तत्व, मैग्नेशियम, मैगनीज जैसे तत्वों की उच्च मात्रा पाई जाती हैं.

6.      जोड़ों का दर्द (Joint Pain)  – यदि किसी व्यक्ति कोजोड़ों में दर्द होने की शिकायत हैं तो उड़द की दाल उसकी इस समस्या के निवारण हेतु भी लाभदायक सिद्ध होती हैं. घुटनों के दर्द से राहत पाने के लिए थोड़ी सीछिलके वाली दाल लें. और एक सूती कपडा लें. इसके बाद इस कपड़े में दाल को लपेट लें और इसे तवे पर सेंक लें. कपडे को सेंकने के बाद इस कपडे से धीरे – धीरे अपने घुटनों की सेकाई करें. आपको जोड़ों के दर्द में बहुत ही आराम मिलेगा.

जोड़ों के दर्द के लिए आप काली उड़द की दाल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए थोड़ी सी उड़द की दाल लें और उसे सरसों के तेल में डालकर गर्म कर लें. तेल को अच्छी तरह से गर्म करने के बाद जब तेल हल्का गर्म तो इससे अपने जोड़ों की आराम – आराम से मालिश करें.

7.लकवा (Paralysis)  अगर किसी व्यक्ति के शरीर के किसी अंग में लकवा हो गया हैं. जिसके कारण उस भाग से किसी भी प्रकार की क्रिया नहीं हो पाती. तो उसअंग को ठीक करने के लिए भी काली उड़द को सरसों के तेल में गर्म कर लें और रोजाना इस तेल से उस अंग की मालिश करें.

8.फोड़े – फुंसी (Boils) – अगर आपके शरीर पर फोड़े या फुंसी हो गए हैं तो इनसे निजात पाने के लिए भी आप उड़द की दाल का प्रयोग कर सकते हैं. इसके लिए उड़द की दाल का पिसा हुआ आटा लें और इससे पट्टी की भांति फोड़े या फुंसी के ऊपर लगा लें. दिन में दो चार बार इसी प्रकार इस पट्टी को लगाने से आपको फोड़े और फुंसी में बहुत आराम मिलेगा.  

9.गंजापन (Baldness) – अगर आपके बाल धीरे – धीरे झड़ने लग रहे हैं या आपके सिर पर बाल होते ही नहीं हैं तो इसके लिए भी आप उड़द की दाल का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए रात को सोने से दालों को उबालकर पीस लें. इसके बाद इस पेस्ट को अपने सिर पर लगाकर सो जाएँ. ऐसा लगातार करने से आपके सिर पर नए बाल कुछ ही समय में आना शुरू हो जायेंगे.
10.      सफेद दाग (White Stain)   अगर आपके चेहरे पर या शरीर के किसी अन्य भाग पर सफेद रंग के दाग हो गए हैं तो इन दागों से छुटकारा पाने के लिए भी आप दाल का इस्तेमाल कर सकते हैं. सफेद दागों से राहत पाने के लिए उड़द के आटे को भिगो कर लोई तैयार कर लें. इसके बाद इस लोई को दाग वाले स्थान पर कुछ समय लगाकर रखें. कुछ समय पश्चात् स्नान कर लें. लगातार इस उपाय को करने से कुछ ही दिनों में आपको सफेद दाग से मुक्ति मिल जायेगी.

11. अपच (Indigestion) – जिन व्यक्तियों को बवासीर की बिमारी या अपच की समस्या रहती हैं. उनके लिए भी उड़द की दाल बहुत ही लाभकारी सिद्ध होती हैं. उड़द की दाल का अधिक सेवन करने से ये दोनों ही परेशानियाँ ठीक हो जाती हैं.

12.  मुंहासे (Acne)  अगर आपके मुंह पर कील मुंहासे निकलें हुए हैं. तो इन्हें हटाने के लिए रात को सोने से पहलें उड़द की धुली हुई दाल को पानी में भिगोकर कर रख दें. अगले दिन सुबह उठने के पश्चात् इस दाल को बारीक पीस लें और पिसने के बाद इस लेप में थोडा सा निम्बू का रस और शहद मिलाकर इस लेप को अपने चेहरे पर लगा लें. जल्द ही आपके मुंह के मुंहासे गायब हो जायेंगे और आपकी त्वचा कोमल हो जायेगी.
13.  हृदय, मस्तिष्क और सिर की पीड़ा (Pain of Head, Heart And Mind)  यदि आपके सिर, हृदय और दिमाग में दर्द रहता हैं तो इन सभी प्रकार की पीड़ा से मुक्ति पाने के लिए आप उड़द की दाल की खीर बना कर खा सकते हैं. इसके लिए लगभग 50 ग्राम छिलके वाली उड़द की दाल लें और इसे रात भर पानी में भिगो कर रख दें. सुबह उठने के बाद इस दाल का छिलका निकाल लें और इसे खूब बारीक पीस लें. इसे बाद दाल के बराबर घी में भुन लें. अब 300 ग्राम दूध लें और इसे भुनी हुई दाल में डाल दें. इसके बाद इसमेंमिश्री के दाने अपनी इच्छानुसार मिला दें और इस खीर को अच्छी तरह पका लें. अब इस खीर का सेवन रोजाना सुबह उठने के बाद खाली पेट करें. आपको इन सभी समस्याओं से जल्दी ही छुटकारा मिल जाएगा.