Sunday, October 23, 2016

गंजेपन का इलाज

लोग बालो कि समसया से काफ़ी परेशान हैं. 
जैसे की बाल झड़ना या बाल रहना ही ना, तो उन सबके लिए एक बहुत ही आसान सा उपाय 

कनेर के 60-70 ग्राम पत्ते (लाल या पीली दोनों में से कोई भी या दोनों ही एक साथ ) ले के उन्हें पहले अच्छे से सूखे कपडे से साफ़ कर लें ताकि उनपे जो मिटटी है वो निकल जाये.,. अब एक लीटर सरसों का तेल या नारियल का तेल या जेतून का तेल ले के उसमे पत्ते काट काट के डाल दें. अब तेल को गरम करने के लिए रख दें. जब सारे पत्ते जल कर काले पड़ जाएँ तो उन्हें निकाल कर फेंक दें और तेल को ठण्डा कर के छान लें और किसी बोटल में भर के रख लें.....

पर्योग विधि :- रोज़ जहाँ जहाँ पर भी बाल नहीं हैं वहां वहां थोडा सा तेल ले के बस 2 मिनट मालिश करनी है और बस फिर भूल जाएँ अगले दिन तक. ये आप रात को सोते हुए भी लगा सकते हैं और दिन में काम पे जाने से पहले भी... 
बस एक महीने में आपको असर दिखना शुरू हो जायेगा. सिर्फ 10 दिन के अन्दर अन्दर बाल झड़ने बंद हो जायेंगे या बहुत ही कम. और नए बाल भी एक महीने तक आने शुरू हो जायेंगे.

नोट : ये उपाय पूरी तरह से tested है.. हमने कम से कम भी 10 लोगो पे इसका सफल परीक्षण किया है. एक औरत के 14 साल से बाल झड़ने बंद नहीं हो रहे थे. इस तेल से मात्र 6 दिन में बाल झड़ने बंद हो गये. 65 साल तक के आदमियों के बाल आते देखे हैं इस प्रयोग से जिनका के हमारे पास data भी पड़ा है.. आप भी लाभ उठायें और अगर किसी को फरक पड़े तो जरुर बताये.

धन्यवाद ...
नोट :- पीले पत्ते वही ले जो पेड़ पर पक कर पीले हो जाये . पीले होने के बाद वो थोड़ा लाल भी हो जाते है , वो भी ले सकते है.
>ramayurved.blog

Monday, October 10, 2016

शतावर ( SHTAWAWAR )

सतावर का वानस्पतिक नाम ऐस्पेरेगस रेसीमोसस है यह लिलिएसी कुल का एक औषधीय गुणों वाला पादप है। इसे 'शतावर', 'शतावरी', 'सतावरी', 'सतमूल' और 'सतमूली' के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत, श्रीलंका तथा पूरे हिमालयी क्षेत्र में उगता है। इसका पौधा अनेक शाखाओं से युक्त काँटेदार लता के रूप में एक मीटर से दो मीटर तक लम्बा होता है। इसकी जड़ें गुच्छों के रूप में होतीं हैं। वर्तमान समय में इस पौधे पर लुप्त होने का खतरा है।सतावर अथवा शतावरी भारतवर्ष के विभिन्न भागों में प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली बहुवर्षीय आरोही लता है। नोकदार पत्तियों वाली इस लता को घरों तथा बगीचों में शोभा हेतु भी लगाया जाता है। जिससे अधिकांश लोग इसे अच्छी तरह पहचानते हैं। सतावर के औषधीय उपयोगों से भी भारतवासी काफी पूर्व से परिचित हैं तथा विभिन्न भारतीय चिकित्सा पद्धतियों में इसका सदियों से उपयोग किया जाता रहा है। विभिन्न वैज्ञानिक परीक्षणों में भी विभिन्न विकारों के निवारण में इसकी औषधीय उपयोगिता सिद्ध हो चुकी है तथा वर्तमान में इसे एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा होने का गौरव प्राप्त है।

सतावर की पूर्ण विकसित लता 30 से 35 फुट तक ऊँची हो सकती है। प्रायः मूल से इसकी कई लताएं अथवा शाखाएं एक साथ निकलती हैं। यद्यपि यह लता की तरह बढ़ती है परन्तु इसकी शाखाएं काफी कठोर और लकड़ी के जैसी होती हैं। इसके पत्ते काफी पतले तथा सुइयों जैसे नुकीले होते हैं। इनके साथ-साथ इनमें छोटे-छोटे कांटे भी लगते हैं। जो किन्हीं प्रजातियों में ज्यादा तथा किन्हीं में कम आते हैं ग्रीष्म ऋतु में प्रायः इसकी लता का ≈परी भाग सूख जाता है तथा वर्षा ऋतु में पुनः नवीन शाखाएं निकलती हैं। सितंबर-अक्टूबर माह में इसमें गुच्छों में पुष्प आते हैं तथा तदुपरान्त उन पर मटर के दाने जैसे हरे फल लगते हैं।





धीरे-धीरे ये फल पकने लगते हैं तथा पकने पर प्रायः लाल रंग के हो जाते हैं। इन्हीं फलों से निकलने वाले बीजों को आगे बिजाई हेतु प्रयुक्त किया जाता है। पौधे के मूलस्तम्भ से सफेद ट्यूबर्स (मूलों) का गुच्छा निकलता है जिसमें प्रायः प्रतिवर्ष वृद्धि होती जाती हैं औषधीय उपयोग में मुख्यतया यही मूल आथवा इन्हीं ट्यूबर्स का उपयोग किया जाता है।

सतावर के प्रमुख औषधीय उपयोग
सतावर भारतीय चिकित्सा पद्धतियों में प्रयुक्त होने वाले प्रमुख औषधीय पौधों में से एक हैं जिन विकारों के निदान हेतु इसका प्रमुखता से उपयोग किया जाता है, वे निम्नानुसार है-
  • शक्तिवर्धक के रूप में
    विभिन्न शक्तिवर्धक दवाइयों के निर्माण में सतावर का उपयोग किया जाता है। यह न केवल सामान्य कमजोरी, बल्कि शुÿवर्धन तथा यौनशक्ति बढ़ाने से संबंधित बनाई जाने वाली कई दवाईयों जिसमें यूनानी पद्धति से बनाई जाने वाली माजून जंजीबेल, माजून शीर बरगदवली तथा माजून पाक आदि प्रसिद्ध हैं, में भी प्रयुक्त किया है। न केवल पुरुषों बल्कि महिलाओं के विभिन्न योनिदोषों के निवारण के साथ-साथ यह महिलाओं के बांझपन के इलाज हेतु भी प्रयुक्त किया जाता हैं इस संदर्भ में यूनानी पद्धति से बनाया जाने वाला हलवा-ए-सुपारी पाक अपनी विशेष पहचान रखता है।
  • दुग्ध बढ़ाने हेतु
    माताओं का दुग्ध बढ़ाने में भी सतावर काफी प्रभावी सिद्ध हुआ है तथा वर्तमान में इससे संबंधित कई दवाइयां बनाई जा रही हैं। न केवल महिलाओं बल्कि पशुओं-भैसों तथा गायों में दूध बढ़ाने में भी सतावर काफी उपयोगी सिद्ध हुआ है।
  • चर्मरोगों के उपचार हेतु
    विभिन्न चर्म रोगों जैसे त्वचा का सूखापन, कुष्ठ रोग आदि में भी इसका बखूबी उपयोग किया जाता है।
  • शारीरिक दर्दों के उपचार हेतुआंतरिक हैमरेज, गठिया, पेट के दर्दों, पेशाब एवं मूत्र संस्थान से संबंधित रोगों, गर्दन के अकड़ जाने (स्टिफनेस), पाक्षाघात, अर्धपाक्षाघात, पैरों के तलवों में जलन, साइटिका, हाथों तथा घुटने आदि के दर्द तथा सरदर्द आदि के निवारण हेतु बनाई जाने वाली विभिन्न औषधियों में भी इसे उपयोग में लाया जाता है। उपरोक्त के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के बुखारों ह्मलेरिया, टायफाइड, पीलिया तथा स्नायु तंत्र से संबंधित विकारों के उपचार हेतु भी इसका उपयोग किया जाता है। ल्यूकोरिया के उपचार हेतु इसकी जड़ों को गाय के दूध के साथ उबाल करके देने पर लाभ होता है। सतावर काफी अधिक औषधीय उपयोग का पौधा है। यूं तो अभी तक इसकी बहुतायत में उपलब्धता जंगलों से ही है परन्तु इसकी उपयोगिता तथा मांग को देखते हुए इसके कृषिकरण की आवश्यकता महसूस होने लगी है तथा कई क्षेत्रों में बड़े स्तर पर इसकी खेती प्रारंभ हो चुकी है जो न केवल कृषिकरण की दृष्टि से बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी काफी लाभकारी सिद्ध हो रही है।

सतवारी से दवा बनाने की विधिपाँच किलो भैंस के दूध् का घर पर मावा (खोवा) बनायें, पाँच किलो दूध का लगभग एक किलो मावा बन जाता है, मावा बनाने के लिए दूध को धीमी आँच पर रख दें। जब दूध पकते -पकते गाढ़ा-सा हो जाये और मावा बनने वाला हो तब पचास ग्राम शतावरी का चूर्ण उसमें डालकर कुछ देर तक हिलाते रहें। मावा बनने के साथ शतावरी का चूर्ण उसमें एकदिल हो जाएगा। जब मावा बनकर तैयार हो जाये तब 20-20 ग्राम के पेड़े बना ले और काँच के पात्रा में सुरक्षित रख ले।
सेवन विधिरोजाना प्रातः निराहार एक पेड़ा दूध् के साथ बच्चे बड़े सभी खा सकते हैं। बारह मास इन पेड़ों का सेवन किया जा सकता है।
लाभशतावरी के पेड़ों के नियमित सेवन से बालको की बुद्धि,स्मरणशक्ति और निश्चय-शक्ति बढ़ती है और अच्छा विकास होता है। रूपरंग निखरता है। त्वचा मजबूत और स्वस्थ होती है।
शरीर भरा-भरा पुष्ट और संतुलित होता है। पफेपफड़े रोग रहित और मजबूत बनते हैं। आँखों में चमक और ज्योति बढ़ती है। शरीर की सब प्रकार की कमजोरियां नष्ट होकर अपार वीर्य वृद्धि और शुक्र वृद्धि होती है। इसके सेवन से वृद्धावस्था दूर रहती है और मनुष्य दीर्घायु होता है।
जो बच्चे रात को चैंक कर और डर कर अचानक नींद से जाग उठते हों उनके सिरहाने, तकिये के नीचे या जेब में शतावरी के पौधे की एक छोटी सी डंठल रख दें अथवा बच्चे के गले में बांध दें तो बच्चा रात में नींद में डरकर या चैंककर नहीं उठेगा।
>> Yeh Article "mahashakti.org"  se liya gaya he

फल गुण - 
यह मधुर , कटु , चिकनी , शीतल , पौष्टिक , वीर्यवर्ध्दक , बलकारक , नवयौवन प्रदायक होता है ।इसके सेवन से बलवीर्य में बृद्धि होती है और पुरुषो में मर्दाना ताकत बढ़ जाती है । यह स्त्रियों के गर्भाशय शक्ति प्रदान करती है और माता के स्तनों में दूध बढ़ाती है । यह मस्तिष्क , नेत्र , ह्रदय , नाड़ी आदि के समस्त रोगों को दूर करके उन्हें शक्ति प्रदान करती है ।
प्रमुख फायदे - 
पेशाब में रुकावट -40 ग्राम सुखी शतावर को कूट कर पानी के साथ पीस ले और उसे कपड़े से छान कर बराबर मात्र में दूध के साथ ले । इसे शीघ्र ही खुलकर पेशाब होने लगेगा । या ताज़ी शतावर का 25 ग्राम रस गाय के दूध के साथ पिलादे इसके पिलाने के कुछ ही देर में पेशाब चालु हो जाएगा ।
पौरुष बल बढ़ाने के लिये -( a ) 100 ग्राम सुखी शतावर को कूट कर महीन कपड़े से छान कर चूर्ण बनाले एवं 10 दिन सुबह नास्ते के बाद एक ग्लास दूध से ले ।इसे बल - वीर्य बढ़ जाता है ।
100 ग्राम कौंच के बिज , 100 ग्राम अश्वगन्धा , 100 ग्राम मुसली , 100 ग्राम शतावर सबको अच्छी तरह से कूट कर महीन चूर्ण बनाले और 5 - 5 ग्राम चूर्ण सुबह - शाम दूध के साथ ले ।इसे नपुंसकता , ताकत का अभाव , चिड़चिड़ापन , निराशा आदि की समस्या दूर हो जाती है ।काम इच्छा को तेज कर देती है । इसका सेवन गर्मी कदिनों में नही करनी चाहिये ।सुखी शतावर 10 ग्राम , मिश्री 100 ग्राम दोनों को कूट क्र महीन चूर्ण बनाले ।और इसमेसे 5 ग्राम शुध्द देशी घी में मिलाकर चाट कर एक ग्लास दूध पि ले ।इसे स्वप्नदोष , शीघ्रपतन आदि समाप्त हो जाती है ।इसका सेवन गर्मी के मौसम में वर्जित है ।

बांझपन - सुखी शतावर का चूर्ण 5 ग्राम 10 ग्राम घी के साथ चाट कर एक ग्लास गुनगुना दूध पी ले ।इसका एक से डेढ़ माह के सेवन से ही स्त्रियों के गर्भाशय की समस्त विकृतियां दूर हो जाती है ।जिसे गर्भ स्थापना में सहयोग मिलती है ।
स्त्रियों के दूध बढ़ाने के लिये -200 ग्राम शतावर को कूट कर चूर्ण बनाले ।और इसे प्रतिदिन 5 ग्राम दूध के साथ सुबह शाम दे ।इसे माता के स्तनों का दूध बढ़ जाता है ।प्रसव में आई कमजोरी भी दूर हो जाती है ।>> Yeh Articale "ayurvedapnaye blogspot" se liya gaya he

*शतावरी क़ी ताज़ी जड़ को यवकूट करें ,इसका स्वरस निकालें और इसमें बराबर मात्रा में तिल का तेल मिलाकर पका लें,हो गया मालिश का तेल तैयार |.इसे माइग्रेन जैसे सिरदर्द में लगायें और लाभ देखें I
*यदि रोगी खांसते-खांसते परेशान हो तो शतावरी चूर्ण - 1.5 ग्राम ,वासा के पत्ते का स्वरस 2.5 मिली ,मिश्री के साथ लें और लाभ देखें I
*प्रसूता स्त्रियों में दूध न आने क़ी समस्या होने पर शतावरी का चूर्ण -पांच ग्राम गाय के दूध के साथ देने से लाभ मिलता है ..!
*यदि पुरुष यौन शिथिलता से परेशान हो तो शतावरी पाक या केवल इसके चूर्ण को दूध के साथ लेने से लाभ मिलता है I
*शतावरी को शुक्रजनन, शीतल, मधुर एवं दिव्य रसायन माना जाता है। महर्षि चरक ने भी शतावरी को चिर यौवन को कायम रखने वाला माना था। आधुनिक शोध भी शतावरी की जड़ को हृदय रोगों में प्रभावी मानते हैं। शतावरी के लगभग 5 ग्राम चूर्ण को सुबह और रात के समय गर्म दूध के साथ लेना लाभदायक होता है। इसे दूध में चाय की तरह पकाकर भी लिया जा सकता है।
* यह औषधि स्त्रियों के स्तनों को बढ़ाने में मददगार होती है। इसके अलावा शतावरी के ताजे रस को 10 ग्राम की मात्रा में लेने से वीर्य बढ़ता है। 
*शतावरी मूल का चूर्ण 2.5 ग्राम को मिश्री 2.5 ग्राम के साथ मिलाकर पांच ग्राम मात्रा में रोगी को सुबह शाम गाय के दूध के साथ देने से प्रमेह, प्री-मैच्योर इजेकुलेशन (स्वप्न-दोष) में लाभ मिलता है। यही नहीं शतावरी की जड़ के चूर्ण को दूध में मिलाकर सेवन करने से धातु वृद्धि भी होती है।
*यदि रोगी को मूत्र या मूत्रवह संस्थान से सम्बंधित विकृति हो तो शतावरी को गोखरू के साथ लेने से लाभ मिलता है 
*शतावरी के पत्तियों का कल्क बनाकर घाव पर लगाने से भी घाव भर जाता है ...!

शतावरी के रस को शहद के साथ लेने से जलन ,दर्द एवं अन्य पित्त से सम्बंधित बीमारियों में लाभ मिलता है ..


तो दोस्तों ये थे शतावरी के कुछ गुण | जिनका उपयोग करने आप अपनी परेशानी को दूर सकते है | लेकिन एक बात का अवश्य ध्यान दें | इसका प्रयोग करने से पहले किसी आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह अवश्य लें |

कमर के पुराने दर्द के लिए आसान सा नुस्खा। (Kamar ke Purane Dard ke liye aasan nuskha)

 ये साधारण सा उपाय करने से आपकी कमर दर्द हो सकता हैं छू – मंतर।

रात में 60 ग्राम गेहूं के दाने पानी में भिगो दे। सुबह इन भीगे हुए गेहूं के साथ 30 ग्राम खसखस तथा 30 ग्राम धनिया की मींगी (धनिया के छिलके हटाकर प्राप्त होने वाली गिरी) मिलाकर बारीक़ पीस ले। इस चटनी को दूध में पका ले और खीर बना ले। इस खीर को आवश्यकता अनुसार सप्ताह दो सप्ताह खाने से कमर का दर्द नाश होकर ताकत बढ़ती है। इससे पाचनशक्ति की कमजोरी भी मिटती है। केवल खसखस और मिश्री दोनों बराबर वजन लेकर और ऊपर से गर्म दूध पीने से भी कमर का दर्द जाता रहता है।
>> Yeh article aboutayurved se liya gaya he

Friday, October 7, 2016

Alovera (ग्वार पाठ)

Aloe Vera ko Gwarpatha bhi kha jata hai. Normal sa dikhne wala paudha kitna fayda pahuncha sakta hai shayad aapne soch bhi nhi hoga. Aayurveda me Aloevera ke aise guno ka explain kiya gya hai jo Asthama, Khasi, Gas ki problem, Pathari, Saso ki problem jaise kai bimariyo ko thik kar sakta hai. Iske liye aapko yah pata hona chahiye ki Aloe Vera ka use kis tarah kiya jaye. Achi soch ke jariye aapko milega kaise aap kai bimariyo ko door kar sakte hai sath hi apne chehre face ko bhi sundar bana sakte hai. Aloe Vera ek plant (paudha) hai jisake kinare patle hote hai. Aloe Vera se nikalne wala guda aushadhi ka kaam karta hai।



भयंकर से भयंकर कमरदर्द और स्लिप डिस्क का इलाज

सब से पहले आप ग्वार पाठ (एलो वेरा) लीजिये इसको पहले शोध ले। शोध की विधि नीचे बताई गयी हैं। इसका छिलका उतार ले और गुद्दा को कुचल कर बारीक कर ले अब इस में अंदाज़ से आटा मिला ले और इसको देसी घी में भून कर खांड मिला कर हलवा बना ले और 20-20 ग्राम के लड्डू बना ले। ज़रूरत अनुसार तीन से चार हफ्ते तक सुबह खाली पेट खाए। इस से भयंकर से भयंकर कमर दर्द और स्लिप डिस्क में आराम मिलता हैं। 
ग्वार पाठे के गुणों के कारण ही इस की सब्जी अक्सर गाँवों में बनायीं जाती हैं। ग्वार पाठे के उपयोग से शीघ्र पतन के रोगियों को भी बहुत फायदा होता हैं। 


ग्वार पाठे के लिए ज़रूरी हैं के इसको ऐसी जगह से लिया जाए जहाँ पर सफाई हो और प्रदुषण से मुक्त स्थान हो, क्युकी इसमें एक गन होता हैं के ये अपने आस पास की सारी गंदगी को खींच लेता हैं जो इस में समाई रहती हैं। जैसे माहोल से इसको लिया जाएगा वैसा ही ये शुद्ध और अशुद्ध होगा। 
ग्वार पाठा का शोधन। 
एक पात्र में गोबर के कण्डे (छाण , जो अक्सर गाँवों में गोबर को सुख से जलने के लिए बनाये जाते हैं) की राख बिछा ले, उस पर ग्वार पाठे को रख दे और इसके ऊपर भी राख बिछा दे। 4 से 6 घंटे रखने के बाद पानी से धो ले, इस प्रकार ग्वार पाठे का शोधन हो जाता हैं। 
ग्वार पाठा काफी गर्म होता हैं जिन लोगो को अधिक गर्मी की समस्या हो वह ये प्रयोग न करे

>>Yeh Nuskha  "Desi Nuskhe" blog se liya gaya he

Piliya Rog
piliya rog se pareshan rogi ke liye Aloe Vera ek ramban dawa hai. 15 Kg Aloe Vera ka rus subah sham peeye. Aapko is rog me fayda milega. Peshab sambadhi rog ho ya gurdo ki problem ho to Aloe Vera aapko fayda pahunchata hai. Aloe Vera ka gooda ya rus ka sevan kare.
Pet Problem – Kabj ko Kare Door
Aloe Vera Kabj ki problem ko khatm karta hai. Roj shubah ek gilas Aloe Vera juice ka sevan karne se purani se purani kabj thodi hi der me thik ho jate hai.
Elergy ho to Kare Use Aloe Vera
Aloe Vera me Emino acid ki matra bahut hoti hai jo elergy ko door karne ke kaam aata hai. Aloe Vera Sharir ki rog pratirodhak chhamta ko badhata hai.
Face Sundar aur Chamakdar

Aloe Vera ka guda chehre par lagane se chehra sundar aur chamakdar ban jata hai. Purus ho ya mahila dono ko Aloe Vera ka paste chehre par lagana chahiye. Yadi sir me dard ho to aap haldi me 10 Gm Aloevera milakar sir par iska lap lagaye aisa karne se sir dard me rahat milti hai.
Daibities ki Problem
Daibities ki problem se pareshan hai to 10 Gm Aloe Vera ke rus me 10 gm karele ka rus milakar kuchh dino tak sevan karne se Daibities se mukti milti hai. 20 Gm aawle ke rus me 10 Gm Aloe Vera ke goode ko milakar subah sevan kare. Yah Shugar ki bimari ko door karta hai.
Energy Badhane Ke Liye
Aloe Vera sharir me urja ko badhata hai. Yadi aap rojana Aloe Vera ka juice peete hai to isase sharir me mineral aur Vitamins sharir ko milte hai jisase aapke body me furthi aayege. Aloe Vera Rus sharir ke rogo ko bhagata hai.
Daton aur Chhalo ke Liye
Dato me keede lag jaye ya aapke daant par peelapan hai to aap Aloe Vera juice peena start kar de. Aur yadi aapke muh me chhale ho rahe hai aur khoon nikal raha hai to aap Aloe Vera ke juice ka kulla kare.
Motapa
Aloe Vera Motapa kam karne me fayda karta hai. 10 Gm Aloe Vera ke rus me methi ke taje patto ko peeskar use milakar sevan kare ya 20 Gm Aloe Vera ke rus me 4 Gm. Giloya ka churn milakar 1 mahine tak sevan karne se motape se rahat milati hai.
Natural Conditioner
Yah ek tarah ka Natural conditioner hai. Aloe Vera ko balo par 20 minute tak ungaliyo ke jariye balo par lagate rahe. Aur thodi der me pani se balo ko dho le. Yah balo ko sundar, ghana aur aakarshak banata hai. Face ke jhurriyo ko door karne me aap Aloe Vera ka gooda kache doodh ke sath milakar chehre par male. Yah aapke chehre ke sare jhurriyo ko door kar dega.

ALOE VERA ANYA ROGO KO KARE DOOR

  • Aag se shair ka koi part jal jane par Aloe Vera ka gooda us jagah par lagaye, aapko jalan se rahat milegi aur ghaw bhi jaldi thik hoga.
  • Sardi, Zukaam ya khanshi hone par shahad me 5 Kg Aloe Vera ke taje rus me milakar sevan kare aapko fayda hoga. Sharir me calcium ki kami ho to Aloe Vera ke goode ka sevan jaroor kare.
  • Vavaseer me yadi blood jyada bahta hai to Aloe Vera ke patto ka sevan 20-20 gm ki matra me subah sham karte rahe. Vavaseer ke masse khatm karne ke liye Aloe Vera ke gude me neem ki pattiyo ko jalakar uska rakh mila le aur is paste ko maldwar par bandh le.
  • Khujli muhaso aur funsi hone par daily 10 se 15 gm Aloe Vera ka rus peena chahiye, yah khun ko shudh karta hai aur chehre se muhase ko bhi hata deta hai. Daad hone par 10 Gm anaar ke rus me 10 Gm Aloe Vera rus milakar daad wali jagah pa lagane se daad thik ho jate hai.
  • Pet ki bimariya ho to aap 25 gm Aloe Vera ke rus me shahad aur nimbu milakar uska sevan kare. Yah pet ki bimari ko door to karta hi hai sath hi sath pachan shakti ko bhi badhata hai.
  • Jo insaan Aloe Vera ka rus roj peeta hai wah kabhi bimar nhi padhta hai.
  • Aloe Vera khoon ko saaf karta hai jisase jodo ka dard thik hota hai.
  • yadi Eidiya fat gai ho to roj Aloe Vera jail se malish kare.
  • Skin me nami ko banaye rakhta hai Aloe Vera.
  • Alser air problem aur pitt etc ke problem door kar deti hai Aloe Vera ka juice.
Aloe Vera Koi simple plant nhi hai. Aloe Vera me hi chhipa hai kai bimariyo ka ilaaj. Aap bhi apne ghar aagan me lagaye Aloe Vera ka paudha aur itne bimariyo se bache.
>> Yeh article "Achi Soch" se liya gaya he

औषधीय उपयोग -

इस मुसब्बर [गूदे] में घी ,चीनी तथा दूध मिलकर हलुआ बनाया जाता है जिससे कमजोरी तो दूर होती ही है साथ ही यौन्शक्ति भी बढ़ती है। पेट में अल्सर होने पर इस गूदे को खाली पेट खाने से लाभ होता है। अगर खूनी दस्त हो रहा है तो गुदे में चीनी तथा जीरा मिलकर खा लें। पेट की बीमारियों या अपच के लिए इसे अजवाईन मिलकर खाएं। जोडों के दर्द में गूदे को गर्म करके प्रभावित स्थान पर लगाएं । ज़ख्म या घाव पर गुदे को क्रीम की तरह लगा लें। आँखें लाल हो गई ही तो गूदे की पट्टी बना कर आंखों पर बाँध लें। बाल झाड़ रहे हो तो गूदे को सोते समय सर पर मालिश कर लें। यह करने से अनिद्रा के रोगी को भी लाभ होता है। अगर सर्दी या खांसी हो गयी हो तो ग्वारपाठा के पत्ते को भून कर उसका जूस निकाल लें और आधा चम्मच जूस एक कप गर्म पानी में मिला कर पी जाएँ ,तुंरत लाभ मिलेगा । पेशाब संबन्धी रोगों को दूर करने के लिए एक सप्ताह तक रोज सुबह गूदे को खाएं।शरीर में कहीं सूजन हो गयी हो तो गूदे को पानी में उबाल कर इसकी पुल्टिस बाँध लें ।

एलोवेरा जूस बनाने की विधि और लाभ
सबसे पहले आप आवस्यकता अनुसार एलोवेरा की पत्तियां ले और उसे अच्छी तरह पानी से धो ले उसके बाद चाकू से उसके किनारे के कांटे वाले भाग काट कर निकाल दें अब पत्तियों को सुविधानुसार छोटे-छोटे पीस में बांट लें फिर पत्तियों के टुकडे लेकर उसके ऊपर का हरा वाला छिलका निकाल कर अलग कर दें
ध्यान रहे ऐसा करते समय पत्तियों के गूदे के ऊपर की पीले रंग की पर्त भी साथ में निकाल दें नहीं तो जूस में कड़वाहट रह जाएगी और आप उसका सेवन नहीं कर सकेंगे. 

एलोवेरा के सफेद भाग को अलग करने के बाद उसे मिक्सी में डालें और दो मिनट के लिए मिक्सी को चला दें इससे एलोवेरा की पत्तियों का जेल एलोवेरा जूस में बदल जाएगा
अब इसे गिलास में निकालें और इसमें उचित मात्रा में पानी और नमक मिला लें यदि आप चाहें, तो इसमें फलों का जूस भी मिला सकते हैं
ओरेज (संतरा ) जूस इसके स्वाद को टेस्टी बना देता है इससे एलोवेरा जूस स्वादिष्ट हो जाएगा और आपको पीने में दिक्कत नहीं होगी आइस क्यूब डालकर भी ले सकते है अगर आप डायट पर हैं तो इस एलोवेरा जूस को रोज पियें-
एलो वेरा जूस में काफी प्रोटीन, 10 तरह के विटामिन और 30 प्रकार के एंजाइम पाए जाते हैं –

 एलोवेरा जूस के फायदे

1- एलोवेरा का जूस पीने से त्वचा की खराबी, मुहांसे, रूखी त्वचा, धूप से झुलसी त्वचा, झुर्रियां, चेहरे के दाग धब्बों, आखों के काले घेरों को दूर किया जा सकता है-
2- एलोवेरा का जूस त्वचा की नमी को बनाए रखता है जिससे त्वचा स्वस्थ्य दिखती है। यह स्किन के कोलेजन और लचीलेपन को बढाकर स्किन को जवान और खूबसूरत बनाता है-
3- एलोवेरा का जूस ब्लड को प्यूरीफाई करता है साथ ही हीमोग्लोबिन की कमी को पूरा करता है-
4- एलोवेरा के जूस का नियमित रूप से सेवन करने से त्वचा भीतर से खूबसूरत बनती है और बढती उम्र से त्वचा पर होने वाले कुप्रभाव भी कम होते हैं-
5- एलोवेरा का जूस बवासीर, डायबिटीज, गर्भाशय के रोग व पेट के विकारों को दूर करता है-
6- शरीर में वहाईट ब्लड सेल्स की संख्या को बढाता है-
7- एलोवेरा का जूस पीने से मच्छर काटने पर फैलने वाले इन्फेक्शन को कम किया जा सकता है-
8- एलोवेरा का जूस मेहंदी में मिलाकर बालों में लगाने से बाल चमकदार व स्वस्थ होते हैं-
9- एलोवेरा के जूस का हर रोज सेवन करने से शरीर के जोडों के दर्द को कम किया जा सकता है-
10- नजले-खांसी में एलोवेरा का रस दवा का काम करता है. इसके पत्ते को भूनकर रस निकाल लें और आधा चम्मच जूस एक कप गर्म पानी के साथ लेने से नजले-खांसी में फायदा होता है-
11- जलने या चोट लगने पर एलोवेरा जेल या एलोवेरा को छिलकर लगाने से आराम मिलता है. जली हुई जगह पर एलोवेरा जेल लगाने से छाले भी नहीं निकलते और तीन-चार बार लगाने से जलन भी खत्म हो जाती है-
12- एलोवेरा गंजेपन को भी दूर करने की ताकत रखता है-
13- तेज धूप में निकलने से पहले एलोवेरा का रस अच्छी तरह त्वचा पर लगाने से त्वचा पर सनबर्न का कम असर पड़ता है-
14- एलोवेरा को सरसों के तेल में गर्म करके लगाने से जोड़ों के दर्द को कम किया जा सकता है-
15- सौंदर्य निखार के लिए हर्बल कॉस्मेटिक प्रोडक्ट जैसे एलोवेरा जैल, बॉडी लोशन, हेयर जैल, स्किन जैल, शैंपू, साबुन, फेशियल फोम आदि में प्रयोग किया जा रहा है.

>> Yeh article "Veg Khana Khazana" se liya gaya he


Wednesday, October 5, 2016

Weak Memory Ka Upchar

सेव का सेवन करें :  सेव के सेवन से स्मरणशक्ति बढ़ जाती है। इसके लिए एक या दो सेव बिना छिलके उतारे चबा-चबाकर भोजन से पंद्रह मिनट पहले खाना चाहिए। यह मस्तिष्क को शक्ति देने के साथ-साथ रक्त की कमी भी दूर करता है।
लीची खायें : – लीची का प्रयोग करते रहने से मस्तिष्क को बल मिलता है।
आंवला का वें जरूर करें : – स्मरणशक्ति में वृद्धि के लिए प्रतिदिन प्रातः आंवले का मुरब्बा खाएं।
गाजर खायें :-  गाजर के रस को गाय के दूध के साथ समान अनुपात में मिलाकर पीने से स्मरणशक्ति में वृद्धि होती है।
चुकंदर को अपने खाने में शामिल करें :-  चुकंदर का रस प्रतिदिन पीने से भी स्मरणशक्ति बढ़ती है।
आम का सेवन करें :- दिमागी कमजोरी से होनेवाली स्मरणशक्ति की कमी के लिए एक कप आम का रस, थोड़ा दूध और एक चम्मच अदरक का रस व चीनी मिलाकर पीने से दिमाग में ताजगी का संचार होता है। दूध में आम का रस मिलाकर पीने से भी दिमाग में तरावट आती है। |
अखरोट है फायेदेमंद :- दिमाग की शक्ति बढ़ाने के लिए प्रतिदिन अखरोट खाएं |
बादाम है उत्तम : बादाम को दिमाग के लिए अमृत के समान माना जाता है। स्मरणशक्ति के विकास के लिए 10 बादाम रात को भिगो दें और सुबह छिलका उतारकर लगभग 10-12 ग्राम मक्खन और मिश्री के साथ मिलाकर खाएं। लगातार दो माह तक यह मिश्रण खाने से दिमाग की सभी कमजोरियां दूर हो जाती हैं। यदि ऐसा संभव नहीं हो तो भीगे हुए बादाम की लुगदी बनाकर सेवन करें।
दिमागी कमजोरी दूर करने के लिए दूसरा उपाय यह है कि रात्रि के समय बादाम के साथ सौंफ व मिश्री मिलाकर उसे पीस लें। इस चूर्ण को दूध के साथ पीने से स्मरणशक्ति बढ़ती है। यदि यह भी संभव न हो सके तो दस बादाम बारीक पीसकर आधा किलो दूध में मिलाएं और दूध को गर्म कर लें। इसके पश्चात दूध ठंडा होने पर उसमें चीनी मिलाकर पीएं। इस प्रकार किसी भी तरह से बादाम का सेवन करने से दिमाग में तरोताजगी आ जाती है व स्मरणशक्ति में भरपूर वृद्धि होती है।
बेल का सेवन करें :  एक पका हुआ बेलफल का गूदा मिट्टी के सकोरे में डालकर पानी भर दें। ऊपर पतला कपड़ा या छलनी रख दें। सुबह पानी निथारकर मीठा मिलाकर पीएं दिमाग तरोताजा हो जाएगा। सर्दियों के दिनों में बेल का गूदा मिट्टी के पात्र के बजाय कलईदार बर्तन या स्टील के पात्र में रखें और उसी समय मसलकर गर्म पानी में शहद के साथ घोलकर पी लें। इसके नियमित प्रयोग से दिमागी शक्ति अवश्य बढ़ेगी।

Monday, October 3, 2016

Takhatbar Jism or Chuware

Doston, aap Chuware ke bare me to jante hi honge lekin shayad chuware ki in khubiyon ke bare me aap ko malum na ho to chaliye chuware ke bare me kuch jante hen.....

Chuwara 10gm chuware pees len roz 2gm is pise huye chuware ko 250ml ltr. gungune dudh se sote waqt lene se jisam me takhat aati he lekin is ka istemal srif or srif sardion ke liye hi he.


4-5 Chuwaron ki gutli nikal len or inke andar 1/2gm gungun bharden. in chuwaron ko dudh me ubalen or subha-shaam ek ek chuwara dudh ke sath istemal karene se waat (वात) ki bimari dur hoti he jisme takhat aati he


500ml ltr dudh len usme 2 chuware dalen ab dudh ko garam kare or tab tak garam karte rahe jabtak woh adha na hojaye ab isme 2 chammach mishri dalden ab chware khayen or bache huye dudh ko peelen istarha karne se jism me goshat badta he or body strong banti he or yeh chuwara aap ke blood ko bhi badata he or puri bodi ko takhat deta he. is nuskhe ko apne ke baad 2hrs tak pani na piye. ek bar me zyada se zyada 4 chuware le sakte hen isse zyada na len or yeh amal srif sardiyon me hi kia ja sakta he sardion ke alawa is amal ko na kare.


Shaam ke waqt 2 chuware kisi bartan me bhigoden (bartan agar matti ka ya kanch ka ho to zyada behtar he) subha chuwaron ko gutli se alag karlen or 1/2 ltr dudh me garam karen or jab dudh aadha bache yane 250ml ltr bache tab is dudh ko peelen isse jism ko bohat zyada takhat milti he or tamam kamzori khatam hojati he or is dudh ko aap un bachon ko bhi pila sakte hen jo bistar me peshab karte hen INSHALLAH is amal se unka bistar me peshab karna band hojayega

Note: Yeh sare amal srif sardion me hi karne ke hen.

Sunday, October 2, 2016

Jisam ko Takatwar Banayen

Doston,
Agar aap apne jisam ko takatwar or tandrust banana chate hen to yeh tarikhe istemal kar sakte hen..

100 gm kale til or itne hi dhak (ढाक) ke beej ko peeskar unhe chaanlen isme 200gm shakar dalen or in sab ko milalen. ab is ko kisi shishe ya bartan me mehfooz karlen or roz subha or shaam 10-10gm pani ke sath len isse aap ka jisam takatwar hoga.

20gm kala til or 20gm gokhru (गोखरू) ko milakar bkarik peesle yeh ek tarha ka churan banjayega. ab aap is churan ko Bakri ke dudh me kheer ki tarha banakar khayen yeh aap ki jisam ko bohat zyada takhat dega. agar aap is ka istemal 20-25 din tak karte hen to aap ki jisam ki sari kamzori khatam hojayegi INSHALLAH.

Churan

चूर्ण
250 ग्राम मैथीदाना
100 ग्राम अजवाईन
50 ग्राम काली जीरी
उपरोक्त तीनो चीजों को साफ-सुथरा करके हल्का-हल्का सेंकना(ज्यादा सेंकना नहीं) तीनों को अच्छी तरह मिक्स करके मिक्सर में पावडर बनाकर अच्छा पैक डिब्बा-शीशी या बरनी में भर लेवें ।



रात्रि को सोते समय चम्मच पावडर एक गिलास पूरा कुन-कुना पानी के साथ लेना है। गरम पानी के साथ ही लेना अत्यंत आवश्यक है लेने के बाद कुछ भी खाना पीना नहीं है। यह चूर्णसभी उम्र के व्यक्ति ले सकतें है।
चूर्ण रोज-रोज लेने से शरीर के कोने-कोने में जमा पडी गंदगी(कचरा) मल और पेशाब द्वारा बाहर निकल जाएगी । पूरा फायदा तो 80-90 दिन में महसूस करेगें, जब फालतू चरबी गल जाएगी, नया शुद्ध खून का संचार होगा । चमड़ी की झुर्रियाॅ अपने आप दूर हो जाएगी। शरीर तेजस्वी, स्फूर्तिवाला व सुंदर बन जायेगा ।
‘‘फायदे’’
1. गठिया दूर होगा और गठिया जैसा जिद्दी रोग दूर हो जायेगा ।
2. हड्डियाँ मजबूत होगी ।
3. आॅख का तेज बढ़ेगा ।
4. बालों का विकास होगा।
5. पुरानी कब्जियत से हमेशा के लिए मुक्ति।
6. शरीर में खुन दौड़ने लगेगा ।
7. कफ से मुक्ति ।
8. हृदय की कार्य क्षमता बढ़ेगी ।
9. थकान नहीं रहेगी, घोड़े की तहर दौड़ते जाएगें।
10. स्मरण शक्ति बढ़ेगी ।
11. स्त्री का शारीर शादी के बाद बेडोल की जगह सुंदर बनेगा ।
12. कान का बहरापन दूर होगा ।
13. भूतकाल में जो एलाॅपेथी दवा का साईड इफेक्ट से मुक्त होगें।
14. खून में सफाई और शुद्धता बढ़ेगी ।
15. शरीर की सभी खून की नलिकाएॅ शुद्ध हो जाएगी ।
16. दांत मजबूत बनेगा, इनेमल जींवत रहेगा ।
17. नपुसंकता दूर होगी।
18. डायबिटिज काबू में रहेगी, डायबिटीज की जो दवा लेते है वह चालू रखना है। इस चूर्ण का असर दो माह लेने के बाद से दिखने लगेगा । जिंदगी निरोग,आनंददायक, चिंता रहित स्फूर्ति दायक और आयुष्ययवर्धक बनेगी । जीवन जीने योग्य बनेगा ।

Pani ke zariye Ilaaj

Jesa ki aap sab jante he ke mehangai ke is door me kisi bhi bimari ka Ilaj karana din ba din mehanga hota jarha he wahi hum aap ko aaj ek aesa aasan Ilaaj bata rahe hen jo takhriban free he or jisse zyadatar bimarion ka ilaj sambhao he. Jee han hum aap ko Pani se Ilaj batar rahe hen INSHALLAH isse bohat see bimariya ya to hongi nahi or hui he to daily istemal se khatam hojayengi aiye tarikha dekhte hen.....


Al-Subha sokar uthtehi bina brush kiye ya munh dhoye ek sath 4 glass, karib 1 1/2 Ltr. pani pina hota he. is ke baad 40-45mnt. tak kuch bhi khan ya pina nahi chahiye. han brush waghera kar sakte hen. is upchar ke doran disi bhi bhojan (Nashta, dopehar ka khana ya raat ka khana) ke bad kam se kam 2 Hours tak pani nahi pina chahiye. is ke alawa sone ke pehle kuch bhi khane ki manahi he. din bhar apni zarurat ke mutabik pani pee sakte hen.

Jo log ek sath 4 glass pani nahi pee sakte hen unhe 1 ya 2 glass se start kar dhire dhire 4 glass tak karna chahiye. lekin is ilaaj ko bich me nahi chorna chahiye. is nuskhe ko koi bhi kar sakta he chahe woh bimar ho ya tandrust. yeh ek normal tarikha he jis par koi bhi kharcha nahi aata or dhire dhire 4 glass pani pine ki aadat bad jati he yeh tarikha Japani tarikha kaha jata he.

Aiye jante he kis bimari me kitne waqt tak aap ko yeh ilaaj karna he.....

Tuberculosis - 3 Months
Diabetes -  1 Month 
High blood pressure -  1 Month
Cancer  - 1 Month 
Constipation - 10 Days 
Gastric diseases - 10 Days

Saturday, October 1, 2016

Bal Kalay Karne Ka Desi Nuskha: English & Urdu

Bal Kalay Karne Ka Desi Nuskha – Get Your White Hair Naturally Black with the help of desi tips

Do not use expensive hair dyes, because they are enriched with lots of chemicals that can be harmful to hair and skin, let your hair naturally white to black by a wonderful recipe.

Ingredients :
1. Linseed (flax) oil 200 grams
2. Three pieces of garlic
3. Four pieces of lemon
4. A kilogram of honey
How to make / Method :
Peel a lemon and mix well with garlic, mix honey and Linseed oil into the mixture and stare well. Now put the mixture in a cap closed glass jar and store in the fridge. And use one tea spoon before half an hour, every meal. Try to use the wooden spoon.

Chuninda Nuskhe

Baykhawabi Door karny ka Nuskha e Khaas
Zamana e kadeem main eska ilaj aam toor par piaz say kia jata tha. Es liay jis ko neind na ati ho wo kachi piaz chabba kar kha lay ya ublli hui piaz garm doodh main dal kar estmal kray khoob neind aaiy gi.

Bawaseer ka Aasaan Desi ilaj
Bhirr ka chatta jala kr raakh kr lain, 10g main rasowant 20g. Dono ko pees lain.
Khurrak: Channy kay braber aik goli pani kay sath estmal krn din main 2 bar.
Bawaseer say Shifa – Gharailu ilaj
Garmi ki waja say bawaseer ka marz shiddat akhtiar kr jata hay. Ap thori si multani mitti ka tokra lay kr mitti kay katory main bhigo dain aur subha hillay bagair oper wala pani pi lain. Chand bar ye amal krny say bawaseer khtam ho jaiy gi.
Garmi ki wajha se Sardard ka Ilaj
Garmi ki waja say sar dard ho ya neind na aati ho to gull banafasha 6 mashy, dhania kay beej 6 mashy pani main pees kar paishani par lagany say dard sar acha ho jata hay aur neind bhe aa jati hay.